Twin Tower After Effect : आसपास रहने वालों को हो रही हैं 5 परेशानियां, समाधान शुरू

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | अवैध सुपरटेक ट्विन टावर ध्वस्त



Supertech Twin Tower Demolition : अवैध सुपरटेक ट्विन टावर को ध्वस्त किया जा चुका है। रविवार की दोपहर एक बड़े धमाके के जरिए दोनों टावर गिराए गए हैं। जिससे मौके पर 80,000 टन मलबा पड़ा हुआ है। डिमोलिशन करने के लिए 3,700 किलोग्राम बारूद का इस्तेमाल किया गया था। जिससे 101 डेसीबल की आवाज वाला धमाका हुआ। आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों और आवासीय परिसरों पर इस डेमोलिशन के कुछ प्रभाव देखने के लिए मिल रहे हैं। इनमें खासतौर से 5 बड़े असर हैं। जिनका समाधान नोएडा अथॉरिटी, ब्लास्ट करने वाली एजेंसी और दूसरे विभाग कर रहे हैं।

आसपास पड़े हैं यह 5 असर
1. दीवारों में दरार हैं : ट्विन टावर ब्लास्ट की वजह से एटीएस सोसायटी में कुछ घरों के शीशे टूट गए हैं। कुछ की दीवारों में दरार आ गई हैं। हालांकि, कोई बड़ा नुकसान अभी तक सामने नहीं आया है। एमरॉल्ड कोर्ट के कर्मचारियों ने सुबह से सफाई अभियान शुरू किया। पानी का छिड़काव किया गया और मलबे के टुकड़ों को हटाया गया है। एमरॉल्ड कोर्ट में रहने वाले रवि ने बताया कि सबकुछ ठीक है। धीरे-धीरे मलबा साफ हो जाएगा। सड़क थोड़ी डैमेज हुई हैं, वह ठीक हो जाएंगी। किसी रेजिडेंट को अभी मेडिकल इश्यू अभी तक कोई नहीं आया है, लेकिन रुटीन हेल्थ चेकअप करवा रहे हैं। हवा में थोड़ी बहुत धूल है, वो कुछ दिनों में साफ हो जाएगी।

2. हवा में है धूल : एटीएस वन सोसायटी में रहने वाली सपना ने बताया कि वह आज सुबह घर लौटी हैं। काफी अच्छे तरीके से डिमोलिशन किया गया है, लेकिन उनके लॉन और कॉमन एरिया में थोड़े बहुत डेबरीस और पत्थर आ गए हैं। इसकी साफ-सफाई की जाएगी। पेड़-पौधों के ऊपर सीमेंट जमा हो गई है। थोड़ी बहुत परेशानी आई थी। शुरुआती दौर में लगा था कि बड़ी परेशानी होगी, लेकिन आज सुबह जब लौटे तो सब कुछ सुरक्षित मिला है। पॉल्यूशन पहले से ज्यादा लग रही है। हवा में धूल के कण और धुंध सी दिख रही है।

3. आवाज 101 डेसीबल थी : ब्लास्ट से 101 डेसीबेल की आवाज हुई है। धमाके से ठीक 10 मिनट पहले 65 डेसीबेल थी। दस मिनट बाद दोबारा से ध्वनी 65 डेसीबल पर पहुंच गई। यह जानकारी यूपीपीसीबी के अधिकारी ने दी है। 70 से 80 डेसीबल तक दो से तीन मिनट का ध्वनि प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। 110 डेसीबल में आदमी चिड़चिड़ा होने लगता है।

4. वैक्यूम बनने से टूटे कांच : विशेषज्ञ कह रहे हैं इसका प्रभाव लोगों पर तो नहीं पड़ा, लेकिन सोसाइटी के घरों के कांच पर इसका प्रभाव दिखा है। प्राधिकरण के एक्पर्ट ने बताया, "लोग घर बंद करके गए थे। इससे घर में एक वैक्यूम बनती है। ब्लास्ट के दौरान ध्वनि और गैस से वैक्यूम बनी। जिससे घर के अंदर और बाहर दोनों का लेवल बिगड़ा और शीशे टूट गए। अभी तक एटीएस और एमराल्ड कोर्ट के कुछ घरों में शीशे टूटने की जानकारी दी गई है। अधिकांश घर अभी बंद हैं। लोगों वापस लौट रहे हैं। जब तक सभी लोग लौट नहीं आते, तब तक सोसाइटी के कितने घरों के शीशे टूटे, इसका आकलन नहीं किया जा सकता है।

5. मलबे से उड़ रही धूल : रविवार को हुए ध्वस्तीकरण के बाद मौके पर करीब 80 हजार टन मलबे का ढेर इकठ्ठा हो गया है। यहां पर 11-12 मीटर ऊंचा मलबे का ढेर लग गया है। इस मलबे में सीमेंट, विस्फोटक आदि मिला हुआ है, जो हल्की हवा चलते ही धूल में बदल रहा है। इससे आसपास में रहने वाले लोगों को परेशानी शुरू हो गई है। सोमवार को यहां से मलबे को हटाने का काम शुरू नहीं किया गया। एडीफाइस एजेंसी के परियोजना निदेशक मयूर मेहता ने बताया कि सोमवार की सुबह मलबे में दबे पर्दों को निकालने का काम किया गया। दोपहर बाद तीन मशीनों ने मलबे से लोहा आदि अलग-अलग करने का काम शुरू कर दिया है।

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