नोएडा से बड़ी खबर : अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों पर एक्शन शुरू, पहला प्रोजेक्ट सील, Video

नोएडा | 1 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | सनवर्ल्ड रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड बिल्डर का प्रोजेक्ट सील



Noida News : नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने शहर के डिफॉल्टर बिल्डरों पर एक्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को अथॉरिटी के अफसरों ने सेक्टर-168 में सनवर्ल्ड रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड (Sun World Residancy) की अंडर कंस्ट्रक्शन साइट को जब्त करके सील कर दिया है। इस बिल्डर पर भूमि आवंटन के सापेक्ष अथॉरिटी के 182 करोड़ रुपए बकाया हैं। तमाम नोटिसों और चेतावनी के बावजूद बिल्डर ने प्राधिकरण को पैसा नहीं चुकाया है। नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari IAS) ने ऐसे बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
बिल्डर की अनसॉल्ड प्रॉपर्टी सील की गई
मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों का एक दस्ता शुक्रवार की शाम सेक्टर-168 में पहुंचा। वहां सनवर्ल्ड रेजिडेंसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की निर्माणाधीन साइट पर कार्रवाई की गई। प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस अंडर कंस्ट्रक्शन साइट के तीन टावर सील कर दिए हैं। साइट के मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर सीलिंग की गई है। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि सनवर्ल्ड रेजिडेंसी पर प्राधिकरण के 182 करोड़ रुपए बकाया हैं। लगातार चेतावनी देने के बावजूद बिल्डर बकाया पैसा जमा नहीं कर रहा है। पिछले दिनों मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने डिफॉल्टर बिल्डरों की अनसोल्ड प्रॉपर्टी जब्त करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के अनुपालन में शुक्रवार को यह कार्यवाही की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में हार गए बिल्डर
भूमि आवंटन के सापेक्ष बकाया धनराशि ब्याज सहित वसूल करने के लिए प्राधिकरण ने कई साल पहले नोटिस भेजे थे। बिल्डर प्राधिकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। तर्क दिया कि प्राधिकरण सरकारी निकाय की बजाय महाजन की तरह काम कर रहा है। ब्याज दर और पेनल्टी रेट बहुत ज्यादा हैं। तब सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण के खिलाफ आदेश पारित कर दिया था। उस आदेश को मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट में फिर चुनौती दी। फैसला पलट गया और अदालत ने प्राधिकरण को ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश बिल्डरों को दिया। इसके बाद बिल्डर एक बार फिर रिव्यू पिटिशन के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन अदालत ने बिल्डरों का पत्र खारिज कर दिया। 

ऋतु महेश्वरी ने सख्ती का आदेश दिया
अब अथॉरिटी ने अपना बकाया सख्ती के साथ वसूल करने का निर्णय लिया है। दरअसल, डिफॉल्टर बिल्डरों को बकाया भुगतान करने के लिए री-शेड्यूलमेंट पॉलिसी भी मुहैया करवाई गई थी। अधिकांश बिल्डरों ने पॉलिसी का लाभ नहीं लिया है। वसूली करने के लिए अथॉरिटी ने बिल्डरों की अलग-अलग श्रेणी बनाई हैं। उसी के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की गई है।

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