Greater Noida : वेस्ट यूपी और एनसीआर का खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना (Anil Dujana) को यूपी एसटीएफ ने मेरठ के जानी इलाके में मार गिराया है। अनिल नागर उर्फ़ अनिल दुजाना का गांव दुजाना है। यह गांव गौतमबुद्ध नगर जिले की बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में पड़ता है। अनिल दुजाना बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था। इस मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना के बाद दुजाना गांव में हाईअलर्ट है। भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस के आला अफसर लगातार दुजाना गांव में पहुंच चुके हैं। गांव में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखे जाने की अपील की जा रही है। अगर किसी ने उपद्रव किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौतमबुद्ध नगर के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना गुरुवार को मेरठ में मारा गया। उसके आतंक का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसने करीब 21 साल पहले डकैती और हत्या जैसी खूंखार वारदातों को अंजाम देकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। फिलहाल अनिल दुजाना के खिलाफ हत्या, डकैती, हत्या का प्रयास, रंगदारी, फिरौती वसूलने, अपहरण, शस्त्र अधिनियम और तमाम दूसरे आरोपों में 65 मुकदमे चल रहे हैं। यह मुकदमे गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, दिल्ली और हरियाणा में हैं।
नोएडा में डाली थी सरेआम डकैती
दादरी इलाके के बादलपुर गांव का रहने वाला अनिल दुजाना साल 2002 में अचानक सुर्खियों में आ गया था। उसने नोएडा शहर में एक डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया और डकैती का माल बरामद भी किया था। वह मुकदमा नोएडा के थाना सेक्टर-20 में दर्ज किया गया। इसी मुकदमे की जांच के दौरान उसके पास अवैध हथियार बरामद किए गए थे। जिसके लिए उसके खिलाफ 25 आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन इन दोनों ही मुकदमों में गवाह और सबूत ना मिलने के कारण अदालत ने उसे दोषमुक्त करार दे दिया। गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने 22 फरवरी 2007 को इन दोनों मुकदमों में फैसला सुनाया था।
गाजियाबाद कोर्ट से 21 वर्षों में फैसला नहीं आया
इसके बाद अनिल दुजाना ने अपराध की दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2002 में ही अनिल दुजाना ने गाजियाबाद के मोदी नगर इलाके में हत्या को अंजाम दिया। करीब 21 साल बीत चुके हैं, लेकिन हत्या के इस मुकदमे में अनिल दुजाना और उसके साथियों के खिलाफ केवल चार्जशीट फाइल हो पाई है। गाजियाबाद जिला सत्र न्यायालय में बेहद धीमी रफ्तार से चल रहे उस मुकदमे में 21 साल बीतने के बावजूद फैसला नहीं आ पाया है। इसके बाद अनिल दुजाना ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता चला गया। उसने साल 2002 में दादरी इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग करके 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
ताबड़तोड़ 22 हत्याओं को अंजाम दिया
साल 2011 में बादलपुर थाना क्षेत्र में दो हत्याओं को अंजाम दिया। वर्ष 2012 में बादलपुर इलाके में ही हत्या की। अनिल दुजाना पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने उसके खिलाफ गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और 7-क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की। इसके बावजूद अनिल दुजाना पर पुलिस काबू नहीं पा सकी। अनिल और उसके गैंग ने वर्ष 2007, 2008, 2011, 2012 और 2015 में ताबड़तोड़ 22 हत्याओं को अंजाम दिया। जिनमें डबल और ट्रिपल मर्डर केस भी शामिल हैं।
साल 2012 के बाद वेस्ट यूपी का रुख किया
साल 2012 के बाद अनिल दुजाना ने गौतमबुद्ध नगर से बाहर निकल कर पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया। उसने मुजफ्फरनगर में ताबड़तोड़ लूट, डकैती, हत्या, अपहरण, फिरौती और रंगदारी की वारदात कीं। इसके चलते उसके खिलाफ मुजफ्फरनगर जिले के छपार थाना क्षेत्र में एक के बाद एक 8 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।