Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसान अब अपने अंतिम फैसले पर है। किसानों की अब से थोड़ी देर बाद करीब 10-10:30 बजे अफसरों के साथ हाईलेवल बैठक होगी। इस बैठक में पुलिस कमिश्नर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, यमुना प्राधिकरण के सीईओ और जिलाधिकारी (डीएम) शामिल होंगे। किसान अपनी बातों और मुद्दों को अफसरों के सामने रखेंगे। अगर बात मान ली तो आंदोलन खत्म हो जाएगा, लेकिन अगर बात नहीं मानी तो दिल्ली कूच किया जाएगा।
क्या हैं किसानों की मांगें?
गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए 4 गुना मुआवजा दिया गया। जबकि गौतमबुद्ध नगर को चार गुना मुआवजे के लाभ से वंचित रखा गया है। इसके अलावा 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है। नए कानून के लाभ जिले में लागू करने पड़ेंगे। किसानों की प्रमुख मांगों में 10 फीसदी विकसित भूखंड, हाई पावर कमेटी की सिफारिशों और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ दिया जाना शामिल है। ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं सुनी तो केंद्र तक जाएगी आवाज
किसान नेता जगबीर नंबरदार ने बताया कि अब रात-दिन किसान आंदोलन कर रहे हैं। काफी संख्या में माताएं-बहनें इस आंदोलन का हिस्सा बनी हुई है। अगर यहां से कोई समाधान नहीं होता है तो दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बात पहुंचाने के लिए कूच किया जाएगा, लेकिन इंसाफ की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ी जाएगी। तैयारी की गई है कि अगर आने वाले समय में उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं सुनी तो दिल्ली में अपनी बात को रखा जाएगा। इसके लिए किसी भी कठिनाई से गुजरना पड़े, उसके लिए किसान तैयार है। क्योंकि यह उनके हक और ईमान की लड़ाई है। आपको बता दें कि किसानों ने 2 नवंबर यानी कि सोमवार को दिल्ली कूच की प्लानिंग की है। इसका मतलब साफ है कि अफसरों के पास सिर्फ 24 घंटे हैं।