Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर में महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस और सामाजिक संगठन हुए एकजुट, 10 फैसले लिए गए
शुक्रवार को पुलिस उपायुक्त (महिला अपराध) वृंदा शुक्ला और सामाजिक संगठनों के बीच एक ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में जिले की महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा करी गई। बैठक की अध्यक्षता डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने की।
एनपी सिंह ने बताया कि बैठक का उद्देश्य जिले में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करना, सुरक्षा बनाए रखना और अपराध रोकने के बारे में जानकारी देना रहा। यह भी महसूस करना था कि हमारे जिले में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। आयुक्त प्रणाली की शुरुआत के बाद सरकार हमारे जिले की महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या उपाय कर रही है?
बैठक के दौरान विभिन्न आरडब्ल्यूए, एनजीओ, सामाजिक संगठन, मोर्चा के अध्यक्ष, महासचिव और जिला गौतमबुद्ध नगर की फेडरेशन ने महिला सुरक्षा के बारे में डीसीपी वृंदा शुक्ला से जानकारी ली और प्रश्न किए। आज की बैठक के दौरान उठे मुख्य बिंदु और सुझाव इस प्रकार हैं।
बाल श्रम और महिला श्रम का संरक्षण होना चाहिए।
स्कूल और कॉलेज में बच्चों की काउंसलिंग की जानी चाहिए। ताकि बच्चों को पता चले कि उनके अधिकार क्या हैं। किसी भी अच्छी या बुरी आदत का उसके जीवन और भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। ताकि लड़के, महिलाओं और लड़कियों का सम्मान करना सीख सकें। अपने अधिकारों के लिए लड़ सकें और अपने परिवार की अन्य महिलाओं को प्रेरित कर सकें।
वृंदा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी चौपाल के माध्यम से पहुंचाना चाहेंगी। उन्होंने कहा, सभी अपने क्षेत्रों और गाँवों में महिला चौपाल आयोजित करने की कृपा करें।
डीसीपी वृंदा शुक्ला ने एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया, जो 98703 95220 है। इस नंबर पर कोई भी किसी भी समस्या के बारे में लिख सकता है और संदेश भेज सकता है। उसने आश्वासन दिया कि तत्काल कार्रवाई की जाएगी। आपकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी।
खुले में शराब पीना शहर की मुख्य समस्याओं में से एक है। जिस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है।
साइबर अपराध के मुद्दे पर लोगों ने त्वरित कार्रवाई करने की मांग की।
बैठक के दौरान यह भी बताया गया है कि पुरुष गुलाबी ऑटो में यात्रा कर रहे हैं। डीसीपी से अनुरोध किया है कि केवल गुलाबी ऑटो में महिलाओं को जाने की अनुमति है। इसलिए किसी भी पुरुष को इन ऑटो में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
जैसे ही सवार मेट्रो स्टेशन सेक्टर-51 से गौड़ चौक के लिए रवाना होता है, ऑटो चालक उन्हें मजबूर करते हैं और उन्हें धक्का देते हैं। यहां तक कि वे अपने ऑटो में महिलाओं के हाथ पकड़ने पर जोर देते हैं, जो सरासर गलत है। नोएडा के ज्यादातर मेट्रो स्टेशन ऐसे ही हैं। यह देखा गया है कि पुलिस विभाग के एक कांस्टेबल को मॉर्निंग और ईवनिंग के अवसर पर वहां तैनात किया गया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
ज्यादातर कई सेक्टर की ग्रीन बेल्ट के आसपास यह पाया गया है कि लोग शराब का सेवन करते हैं। इस वजह से जब कोई महिला ग्रीन बेल्ट से गुजरती है, तो वह उनके द्वारा टिप्पणी करता है। ऐसी समस्या को सुधारने या कम करने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की गई।
जिस इलाके में शराब की दुकान या बीयर की दुकान है, उस इलाके में महिलाओं से छेड़छाड़ और छेड़खानी की समस्या सामने आई है। इसलिए सुबह और शाम पुलिस के लिए शराब की दुकान और बीयर की दुकान पर मौजूद होना अनिवार्य है।
बैठक में शामिल हुए शहर के संगठन और उनके पदाधिकारी
फोनरवा के फाउंडर प्रेसिडेंट सुशील अग्रवाल, डीडीआरडब्लूए के अध्य्क्ष एनपी सिंह, डीडीआरडब्लूए के महासचिव शेर सिंह भाटी, डीडीआरडब्लूए के उपाध्यक्ष संजीव कुमार, डीडीआरडब्लूए के सीनियर उपाध्यक्ष इलम सिंह नागर, विमल शर्मा, अध्यक्ष सेक्टर 50 आरडब्लूए, आलोक सिंह (एक्टिव सिटीजन ग्रेटर नोएडा), राघवेंद्र दुबे (मीडिया प्रभारी डीडीआरडब्लूए), शारदा चतुर्वेदी, अनीता सिंह (उपाध्यक्ष मार्केट एसोसिएशन सेक्टर-18), ममता तिवारी, डॉ.सुनीता जेटली, मधु मेहरा, मनिंदर सिंह (फोना), अतेंद्र चौहान, रेखा चौहान, प्रीति सिंह, सुनीता दास, विद्या, हरीश शर्मा, अनीता पांडे (एडवोकेट), प्रीति सिंह, पल्लवी सिंह, मन्नू भुल्लर, एसपी सिंह, गिरिजा सिंह (महिला मोर्चा), प्रदीप मिश्रा, कन्हैयालाल अवाना, रेखा चौहान, सुभाष चौहान, सीमा रावत, अनीता निगम, प्रमोद वर्मा, अंजलि सचदेवा, डॉ.सुनीता जेटली, अनीता सिंह, प्रज्ञा सिंह इत्यादि मौजूद रहे।