ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 6 अफसरों पर बड़ा एक्शन : आम आदमी की सुनवाई में लापरवाह, ओएसडी, चकबंदी अधिकारी और तहसीलदार शामिल

Google Image | अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने जनसुनवाई से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने वाले छह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस ने शुक्रवार को इस कार्रवाई का आदेश जारी किया है।

एसीईओ के आदेश में क्या है
1. कार्रवाई का कारण: उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री के जनशिकायत पोर्टलों पर आने वाली शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं किया जा रहा था। निस्तारण रिपोर्ट जन सुनवाई पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही थी। इसके कारण निस्तारण आख्या शासन तक नहीं पहुंच रही थी।
2. प्रभावित विभाग: इस मामले में उद्योग विभाग, ग्रुप हाउसिंग विभाग, किसान आबादी विभाग, आवासीय संपत्ति विभाग और भूलेख विभाग शामिल हैं।

3. कार्रवाई में शामिल अधिकारी
   - केएम चौधरी (उद्योग और ग्रुप हाउसिंग विभाग के प्रबंधक)
   - प्रदीप कुमार (किसान आबादी विभाग के प्रबंधक)
   - आराधना (आवासीय संपत्ति विभाग की प्रबंधक)
   - राम नयन सिंह (भूलेख विभाग के विशेष कार्याधिकारी)
   - शैलेश शाही (भूलेख विभाग के चकबंदी अधिकारी)
   - शेर बहादुर (भूलेख विभाग के तहसीलदार)

कटेगा वेतन 
सभी छह अधिकारियों का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया गया है। सभी को लापरवाही के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। अधिकारियों को सात दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देना होगा।

जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर होगी आगे की कार्रवाई 
यदि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी जवाब से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो इन अधिकारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की सिफारिश मुख्य कार्यपालक अधिकारी से की जाएगी। यह कार्रवाई ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से जनता की शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा है। इससे अधिकारियों में जनसुनवाई से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेने और समय पर कार्रवाई करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। यह कदम प्रशासन में पारदर्शिता और कुशलता लाने में मददगार साबित हो सकता है।

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