BIG BREAKING : स्क्रैप माफिया निजाम कबाड़ी को बड़ा झटका, कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में राहत नहीं दी, प्रोपर्टी रहेगी जब्त

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Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर में कुख्यात स्क्रैप माफिया निजामुद्दीन उर्फ निजाम उर्फ मुनीम कबाड़ी और उसके दो बेटों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को अदालत ने सही करार दिया है। गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने इस मामले में आरोपियों की अपील पर शुक्रवार को फैसला सुनाया है। निजाम कबाड़ी और उसके दो बेटों की प्रॉपर्टी को जब्त रखने का आदेश दिया है। कुल मिलाकर निजाम कबाड़ी और उसके परिवार को गैंगस्टर एक्ट के मामले में जिला अदालत ने राहत नहीं दी है। यह फैसला जज राजेश कुमार मिश्रा ने लिया। इस मामले में शासकीय अधिवक्ता बबलू चंदेला ने पैरवी की है।

निजाम ने कमिश्नर कोर्ट के खिलाफ अपील की
शासकीय अधिवक्ता बबलू चंदेला ने बताया कि निजाम उर्फ मुनीम और उसके दो बेटों फिरोज मलिक व नदीम मलिक ने गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय में अपील दायर की थी। जिसमें इन लोगों ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की अदालत ने उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत गलत ढंग से कार्यवाही की है। पुलिस कमिश्नर की कोर्ट ने न्यायिक मस्तिष्क का प्रयोग नहीं किया है। यह एक रूटीन आदेश पारित किया गया है, जो हतप्रभ करने वाला है। हमारी दो अचल संपत्तियां अधिग्रहित कर ली गई हैं। निजाम ने कोर्ट में कहा, "गैंगस्टर एक्ट मेरे दो बेटों फिरोज मलिक और नदीम मलिक मलिक की संपत्ति पर लागू नहीं होता है। पुलिस कमिश्नर की अदालत ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया। मेरे दोनों बेटों की प्रोपर्टी गलत ढंग से जब्त कर ली है।"

अदालत में अपील खारिज की
इस अपील में जिला अदालत को आगे बताया गया कि संपत्तियां सीज कर दी गई हैं, जिसकी वजह से इनका रखरखाव नहीं हो रहा है। संपत्तियों को नुकसान पहुंच रहा है। इससे भविष्य में इनकी मरम्मत करना भी संभव नहीं हो पाएगा। यह संपत्तियां खरीदने के लिए बाकायदा पैसा अदा किया गया है। वह पैसा वैध स्रोतों के जरिए कमाया गया था। निजाम कबाड़ी की इस अपील पर शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा ने फैसला सुनाया है। अदालत ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर की अदालत के फैसले को जायज ठहराया है। 28 जनवरी 2022 और 31 जनवरी 2022 को निजाम, फिरोज मलिक और नदीम मलिक की ओर से दाखिल की गई अपीलों को खारिज कर दिया है।

'आय के स्रोतों का पता लगाए पुलिस'
जिला अदालत ने पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि संपत्ति की देखरेख करने के लिए दादरी के तहसीलदार को नियुक्त किया गया है। तहसीलदार को आदेश दिया जाए कि वह उचित ढंग से रखरखाव करें। साथ ही पुलिस को आदेश दिया है कि जांच करके बताएं कि यह संपत्तियां खरीदने के लिए आय के किन साधनों का उपयोग किया गया है। जांच करने के बाद रिपोर्ट न्यायालय के सामने पेश करें।

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