ग्रेटर नोएडा किसान आंदोलन : किसी का रूख नरम नहीं, किसानों की कोर्ट में हुई पेशी, एक और एफआईआर

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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के ख़िलाफ़ पिछले 59 दिनों से 50 गांवों के किसानों का धरना चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 जून को गौतमबुद्ध नगर के दौरे पर आ रहे हैं। सूचनाएं मिल रही थीं कि मुख्यमंत्री के आने से पहले इस गतिरोध का हल निकल सकता है, लेकिन दोनों ही पक्षों के रुख में कोई नरमी नहीं आयी है। एक तरफ किसानों ने 27 जून को महापंचायत का ऐलान कर दिया है। किसानों का कहना है कि उस दिन निर्णायक लड़ाई का फ़ैसला लिया जाएगा। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर पुलिस और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण लगातार क़ानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। पुलिस ने गुरुवार को जेल में बंद 33 किसानों को सहायक पुलिस आयुक्त की अदालत में पेश किया। किसानों को रिमांड पर लाया गया। इसके बाद वापस जेल भेज दिया गया है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने बाहर धरना दे रहे 12 और किसानों के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

तीन सप्ताह से जेल में बंद हैं 33 किसान
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर धरना दे रहे 33 किसानों को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। यह 33 किसान करीब तीन सप्ताह से जिला जेल में बंद हैं। इनके ख़िलाफ विकास प्राधिकरण की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जिसमें गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने तीन दिन बाद ही ज़मानत दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने किसानों को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल में बंद रखा। पिछले सप्ताह किसानों को रिहा किया गया। जेल से बाहर निकलते ही फिर इकोटेक थाना पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। सभी को दोबारा 151 के तहत सहायक पुलिस आयुक्त की अदालत में पेश किया गया था। एसीपी ने सभी किसानों को दोबारा जेल भेजने का आदेश दिया। अब गुरुवार को पुलिस ने सभी किसानों को एसीपी की अदालत में पेश किया। इन्हें रिमांड पर लाया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक़ सभी किसानों को एक बार फिर जेल भेज दिया गया है। अब किसानों की ओर से जानकारी दी गई है कि विकास प्राधिकरण की ओर से सूरजपुर कोतवाली में एक और मुक़दमा दर्ज करवाया गया है। जिसमें 12 किसानों के नाम दर्ज हैं।

किसानों ने कहा- हम भी झुकने वाले नहीं 
दूसरी ओर धरने पर बैठे किसानों ने साफ़ तौर पर कहा है कि चाहे कितने मुक़दमे दर्ज कर ले जाएं और जेल भेज दिया जाए, पीछे हटने वाले नहीं हैं। जब तक विकास प्राधिकरण और सरकार मांगों पर फ़ैसला नहीं लेते हैं, यह धरना ख़त्म नहीं होगा। किसानों ने कहा कि सरकार, प्राधिकरण और पुलिस अत्याचार कर रहे हैं। बिना कारण लोगों को जेल में ठूँस कर रखा गया है। यह आम आदमी के मौलिक अधिकारों का हनन है। गौतमबुद्ध नगर के तमाम किसानों की महापंचायत 27 जून को बुलायी गई है। जिसमें सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों को भी खुला निमंत्रण दिया गया है। उस दिन इस लड़ाई के लिए निर्णायक फ़ैसले लिए जाएंगे।

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