ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 14 गांवों की जमीन दो हजार करोड़ में खरीदेगा, ट्रांसफर चार्ज आधे किए, बोर्ड बैठक में हुए कई बड़े फैसले

Tricity Today | ग्रेनो प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।



उत्तर प्रदेश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन की अध्यक्षता में बुधवार को बोर्ड बैठक हुई। प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा के 14 गांवों की जमीन खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए 2000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। शहर में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर प्राधिकरण ने ट्रांसफर चार्ज आधे कर दिए हैं। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी। इसके अलावा सभी श्रेणी के डिफाल्टर आवंटियों को प्राधिकरण ने बड़ी राहत दी है। एकमुश्त समाधान योजना का प्रस्ताव बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। अब केवल शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है।

अब सभी प्रॉपर्टी के आवंटियों को एकमुश्त समाधान योजना का लाभ मिलेगा

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की बुधवार को बोर्ड बैठक हुई है। जिसमें सबसे बड़ा फैसला सभी श्रेणी के आवंटियों के पक्ष में लिया गया है। सभी बकायादार आवंटियों के लिए एकमुश्त समाधान योजना घोषित की गई है। कोविड-19 संकटकाल के मद्देनजर प्राधिकरण ने कमर्शियल, संस्थागत, आईटी और औद्योगिक श्रेणी के डिफॉलटर आवंटियों को एकमुश्त भुगतान करने की सहूलियत दी है। हालांकि, बोर्ड ने यह फैसला लेने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की 121वीं बोर्ड बैठक बुधवार को औद्योगिक विकास आयुक्त और अध्यक्ष आलोक टंडन की अध्यक्षता में हुई। बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया। नरेंद्र भूषण ने बताया कि प्राधिकरण ने केवल आवासीय आवंटियों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) घोषित की थी। अब प्राधिकरण की अन्य सम्पत्तियों आवासीय भूखण्ड, बिल्ट-अप हाउस, वाणिज्यिक शाॅप, क्योसक, औद्योगिक, संस्थागत, आईटी भूखण्डों के आवंटियों के लिए भी एकमुश्त समाधान योजना का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बोर्ड ने सैद्धान्तिक स्वीकृति दे दी है। अंतिम निर्णय शासन लेगा।

प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर ट्रांसफर चार्ज 50 फ़ीसदी कम किए गए

ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बताया कि प्राधिकरण ने भूखंड ट्रांसफर शुल्क में कटौती करने का निर्णय लिया है। अब जिले तीनों विकास प्राधिकरण में एक सामन भूखंड ट्रांसफर पाॅलिसी लागू करने का फैसला लिया है। प्राधिकरण ने आर्थिक मन्दी को देखते हुए आवंटियों को भूखंड हस्तान्तरण पर लगने वाले शुल्क में 50 फीसदी कटौती करने का प्रस्ताव रखा। बोर्ड ने तीनों प्राधिकरणों में समरूपता के साथ लागू करने के लिए संयुक्त कमेटी बनाकर इस प्रस्ताव का मूल्यांकन करके आगामी बोर्ड बैठक में रखने का आदेश दिया है। 

पेपरलेस वर्क के जरिए घर बैठे आवंटी सारी सुविधाएं ले सकेंगे

प्राधिकरण ने अपने कार्यालय को पेपरलेस करने के लिए ईआरपी योजना की प्रगति रिपोर्ट पेश की। बताया कि मार्च 2021 तक प्राधिकरण के कामकाज को पूरी तरह पेपरलेस बनाने का निर्णय लिया है। जिससे लोगों को अपने कार्यों के लिए प्राधिकरण कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अपने घर से सभी जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त कर सकेंगे।

9550 किसानों के आबादी भूखंड का लीज प्लान तैयार किया गया

सीईओ ने बताया कि अब तक करीब आठ हजार किसानों को पांच, छह, दस प्रतिशत आबादी भूखण्ड आवंटित किए जा चुके है। लगभग 9000 कृषक आबादी भूखण्डों के लीज प्लान तैयार करके 6 प्रतिशत आबादी विभाग को भेजा जा चुका है। इस सप्ताह लगभग 550 नये लीज प्लान विभाग को भेज दिए जाएंगे। लगभग 4000 कृषक आबादी के भूखण्डों पर विकास कार्य चल रहा है। जैसे-जैसे विकास कार्य पूर्ण होता जाएगा, नए लीज प्लान तैयार करके 6 प्रतिशत आबादी विभाग को भेजा जाएगा।

डिफॉल्टर बिल्डरों से पैसा वसूल करने के लिए एसक्रो अकाउंट खुलवा जाएंगे

प्राधिकरण ने बिल्डर्स, वाणिज्यिक, डेवलपर्स और अन्य सम्पत्तियों के विरूद्ध अतिदेय धनराशि की वसूली के लिए एस्क्रो खाते खोलने का निर्णय लिया है। एस्क्रो ऐक्ट के अधीन एस्क्रो एकाउन्ट में प्राप्त की जाने वाली धनराशि के 20 प्रतिशत और अधिकतम 49 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की गयी है। ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि एसक्रो अकाउंट खोलने से प्राधिकरण को अपना पैसा आसानी से मिलेगा। दूसरी ओर लंबित पड़ी रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा। इन योजनाओं में हितबद्ध संपत्ति खरीदारों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

14 गांव की जमीन खरीदी जाएगी, जिस पर 2000 करोड रुपए खर्च होंगे

प्राधिकरण ने अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए 14 गांवों की भूमि खरीदने का निर्णय लिया है। जिस पर लगभग 2000 रुपये का व्यय होगा। इसके लिए प्राधिकरण बैकों से कम्पिटेटिव दरों पर लगभग 1500 करोड़ रुपये का ऋण ले रहा है। पुराने और उच्च ब्याज दरों के ऋणों का भुगतान किया जाएगा। प्राधिकरण इस पैसे का उपयोग अपनी विकास योजनाओं में करेगा। सीईओ ने बताया कि प्राधिकण ने लैंड पूलिंग की नीति लागू करने का निर्णय लिया है। इस पॉलिसी को पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल चुकी है।

लैण्ड पूलिंग पालिसी के तहत जिन किसानों की भूमि प्राधिकरण क्रय करेगा, उनको 5 साल तक या विकसित भूखण्ड प्राप्त होने तक मासिक पांच हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। लैण्ड पूलिंग में दी गयी भूमि के क्षेत्रफल का न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सा विकसित भूमि के रूप में किसान को निःशुल्क आवंटित किया जाएगा। जिसमें 80 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिये, 12 प्रतिशत आवासीय उपयोग और 8 प्रतिशत वाणिज्यिक उपयोग के लिए होगी। लैण्ड पूलिंग पालिसी के तहत बाकि सुविधाएं भी किसानों को दी जाएंगी।

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