ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर : किसान के मुआवजे की फाइल तैयार करने के लिए तहसील अधिकारी ने मांगी रिश्वत, दलाल का ऑडियो वायरल

Tricity Today | करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने किया प्रदर्शन



Greater Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार चाहती है कि उनके राज्य में भ्रष्टाचार पूरे तरीके से खत्म हो जाए, लेकिन तहसील लेवल पर बैठे अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार के इस सपने का पूरा नहीं होने देंगे। इस बात का अंदाजा आप इस खबर के माध्यम से लगा सकते हो। ग्रेटर नोएडा में स्थित मुर्शदपुर गांव में रहने वाले एक किस से ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। हैरानी की बात है कि किसान के साथी ने ही इसका सौदा करवाया है। मामला सामने आने के बाद इंडिया फ्री करप्शन संगठन के लोगों ने जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। 

क्या है पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक मुर्शदपुर गांव मास्टर प्लान में आ रहा है। वहां के किसानों की जमीन का अधिग्रहण हो रहा है। जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मुआवजे की फाइल तहसील लेवल से तैयार होती हैं। मुर्शदपुर गांव के एक निवासी की फाइल तहसील में गई। किसान की फाइल पर साइन नहीं हुए तो रिश्वत देने का प्रयास शुरु किया गया। किसान से ढाई लाख रुपए की रिश्वत लेने का प्रयास किया गया। इसमें दलाल के 50 हजार रुपए हैं।

वायरल ऑडियो में सबका हिस्सा 
अब एक ऑडियो वायरल हुआ। जिसमें सुनाई दे रहा है कि किसान का एक साथी जो दलाल के रूप में तहसील अधिकारी से बातचीत कर रहा है। दलाल का नाम अशोक बताया जा रहा है। तहसील के अधिकारी और अशोक के बीच में किसान के मुआवजे की फाइल पर साइन करने के लिए रिश्वत की बात हो रही है। तहसील के अधिकारी फाइल को तैयार करने के लिए एक लाख रुपए मांग रहे हैं। साथ में लेखपाल को देने के लिए 50,000 रुपए की मांग की गई है। इतना ही नहीं किसान का साथी और दलाल अशोक अपने लिए भी 50,000 रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद जिले के सभी किसानों में आक्रोश पैदा हो गया और करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने इसी मुद्दे को लेकर जिला कार्यालय पर हंगामा किया।

रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जब इसका ऑडियो करप्शन फ्री इंडिया के पास पहुंचा तो संगठन के अध्यक्ष प्रवीण भारतीय ने जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट पर जाकर प्रदर्शन किया। प्रवीण भारतीय का कहना है कि किसानों का शोषण तहसील लेवल के अधिकारी कर रहे हैं। जो उनका हक है, उसको ही देने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। किसानों की जमीन पर सिर्फ उनका ही हक है तो फिर पैसे किस बात के? सरकार किसानों को सीधा मुआवजा दे रही है, लेकिन बीच में अधिकारी रिश्वतखोर बन गए हैं। अगर ऐसा ही चला रहा तो बड़ा आंदोलन हो जाएगा। कलेक्शन फ्री इंडिया संगठन ने जिम्मेदार लेखपाल और तहसील अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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