ग्रेटर नोएडा: फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए परेशान मिग्सन ग्रीन मैन्शन के निवासी, सीएम आदित्यनाथ से लगा रहे मदद की गुहार

Tricity Today | प्रदर्शन करते निवासी



Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर एरिया के साइट-सी में स्थित मिग्सन ग्रीन मैन्शन (Migsun Green Mansion) के निवासी पिछले 6 सालों से घर की रजिस्ट्री नहीं होने से परेशान हैं। पिछले 4 हफ्तों से हर रविवार को सैकड़ों की संख्या में निवासी बिल्डर, प्रमोटर और अथॉरिटी यूपी सीडा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। दरअसल मिग्सन ग्रुप पर यूपी सीडा का करीब 3.8 करोड रुपये बकाया है। इस वजह से बिल्डर को कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा। इसके चलते सोसाइटी की 554 फ्लैट की रजिस्ट्री रुक गई है। इससे यहां रहने वाले 1700 लोग मुश्किल में हैं।

हालांकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा सहित लखनऊ में भी मिग्सन ग्रुप की नई परियोजनाओं को मंजूरी मिल गई है। राजधानी लखनऊ में यह बिल्डर मिग्सन जनपथ जनपद के नाम से नए प्रोजेक्ट पूरा कर रहा है। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि इस हाईराइज सोसाइटी के टावर-सी के बगल से वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर गुजर रहा है। इसकी भी जानकारी बिल्डर ने किसी निवासी को नहीं दी थी। ना ही रेलवे से इसके लिए एनओसी ली है। साथ ही बुनियादी सुविधाएं अब तक नहीं मिल सकी हैं। निवासियों ने रजिस्ट्री नहीं होने और बुनियादी सुविधओं की मांग को लेकर हर संबंधित विभाग और अफसर का दरवाजा खटखटाया है। मगर कहीं से कोई हल नहीं मिला। इसीलिए रविवार, 8 अगस्त की सुबह 11:00 बजे सोसायटी के गेट पर निवासी धरना देंगे। सोसाइटी वासी पिछले 4 हफ्ते से हर रविवार लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। 

6 साल में कुछ नहीं हुआ
गौतमबुद्ध नगर की सभी हाईराइज सोसाइटीज में कमोबेश एक जैसे हालात हैं। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा, वेस्ट और यमुना सिटी में बसे नए बिल्डर सोसाइटी में निवासी परेशान हैं। बेसिक सुविधाओं के लिए भी प्रदर्शन करना पड़ता है। जबकि मेंटेनेंस के नाम पर ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। सूरजपुर साइट सी में स्थित मिग्सन ग्रीन मैन्शन भी उन्हीं में से एक है। सोसाइटी के निवासी अभिषेक उपाध्याय बताते हैं, बिल्डर ने बड़े-बड़े वादे किए थे। कहा था कि टावर-ए में 3 लिफ्ट लगेंगी। 6 साल बीत गए। अब तक सिर्फ 2 लिफ्ट लग सकी हैं। जो लिफ्ट लगी हैं, उनकी भी हालत खस्ताहाल है। उनका एएमसी (एनुअल मेंटिनेस कांट्रैक्ट) खत्म हो गया है। बिल्डर समय से कंपनी को भुगतान नहीं करता है। इसलिए एमएसी रिन्यू नहीं हो पा रहा है। जबकि आए दिन लिफ्ट रुकने की घटनाएं होती हैं। बिल्डर ने FAR को 2.75 से 3.50 करके टावर-ए में फ्लोर बढ़ा दिए।

टॉवर-सी के बिल्कुल करीब से गुजरा है फ्रेट कॉरिडोर
अभिषेक ने आगे बताया, किसी भी खरीदार को वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर के बारे में बिल्डर और डेवलपर ने कुछ नहीं बताया। अब पूछने पर बिल्डर का कहना है कि पहले इस प्रोजेक्ट की कोई सूचना नहीं मिली थी। इसलिए उसे केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में जानकारी नहीं थी। जबकि टावर-सी के बिल्कुल करीब से होकर यह रेल कॉरिडोर गुजर रहा है। बिल्डर ने इसके लिए रेलवे से एनओसी भी नहीं ली है। निवासियों का कहना है कि दुनिया में ऐसी पहली हाईराइज सोसाइटी है, जिसके बिल्कुल करीब से एक डेडीकेटेड रेल कॉरिडोर गुजर रहा है। लेकिन बिल्डर को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। सुशील शर्मा, अभिषेक उपाध्याय, मनोज चमोली, अंकुर अग्रवाल, आदित्य, अभिषेक मिश्रा, विक्रांत सिद्दू, एचडी शर्मा, अनमोल त्यागी और अन्य निवासी प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

साफ-सफाई और सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
एक अन्य निवासी सुशील शर्मा ने बताया, पैसे बचाने के चक्कर में बिल्डर महीने के अंतराल पर सिक्योरिटी एजेंसी बदल देता है। इसलिए यहां सिक्योरिटी नाममात्र की रह गई है। बिना निवासियों को सूचना दिए बड़े बदलाव कर दिए जाते हैं। सफाई कर्मचारियों और सिक्योरिटी गार्ड को 3 महीने तक सैलरी नहीं मिलती है। ये कर्मचारी अपनी तनख्वाह के लिए खुद धरना-प्रदर्शन करते हैं। सोसाइटी के एक अन्य निवासी मनोज चमोली ने बताया, पूरी सोसाइटी में साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। बेसमेंट में हमेशा पानी भरा रहता है। समय से वेतन न मिलने से सफाई कर्मी भी मन से काम नहीं करते हैं। बार-बार एजेंसी बदलने और सैलरी नहीं देने से सुरक्षा से भी समझौता हो गया है। 

सांसद-विधायक भी नहीं करा सके हल
निवासी इस मामले को जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने कई बार उठा चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा और दादरी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक तेजपाल नागर को कई बार लिखित में अपनी समस्याएं दे चुके हैं। जनप्रतिनिधियों ने जल्द ही सभी मामलों को सुलझाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई हल नहीं हुआ। उल्टे बिल्डर, निवासियों पर एग्रीमेंट टू सबलीज का दबाव बना रहा है। इसको लेकर सोसाइटी के लोग रोष में हैं। उनका कहना है कि अब इस मामले में सिर्फ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही कुछ कर सकते हैं। क्योंकि बिल्डर, डेवलपर, और यूपी सीडा के खिलाफ लगातार प्रदर्शन के बावजूद भी कोई नतीजा नहीं निकला है। 

जानबूझकर नहीं चुका रहा यूपी सीडा का बकाया
अभिषेक का कहना है कि बिल्डर जान-बूझकर 554 फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने दे रहा। क्योंकि यूपी सीडा की बकाया राशि 3.8 करोड रुपये बिल्डर के लिए बड़ी रकम नहीं है। वही आसानी से यूपी सीडा को इतने रकम की भुगतान कर इस प्रोजेक्ट के लिए कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल कर सकता है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान भी बिल्डर ने गौतमबुद्ध नगर और राजधानी लखनऊ में कई बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। अगर नए प्रोजेक्ट के लिए बजट है, तो बिल्डर को मिग्सन ग्रीन मैन्शन के बकाए की भरपाई करके हमारी रजिस्ट्री करवाने में क्या अड़चन आ रही है। निवासियों का यह भी कहना है कि बिल्डर आए दिन मेंटेनेंस बढ़ाने की धमकी देता है। जबकि सोसाइटी में लिफ्ट खराब हैं। डीजे-ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं है। सीवर लाइन और पाइप लाइन का काम अब तक अधूरा है। 

कल सुबह फिर करेंगे प्रदर्शन
सुविधाएं देने के बजाय बिल्डर बार-बार शुल्क बढ़ाने की बात कर रहा है। इससे भी निवासी गुस्से में है। मिग्सन ग्रीन मैन्शन में तीन टावर बने हैं। इनमें कुल 554 फ्लैट बने हुए हैं। यहां करीब 1700 लोग रहते हैं। रजिस्ट्री ना होने की वजह से वह अपने घर में ही किराएदार बनकर रह गए हैं। इसको लेकर रविवार, 8 अगस्त को सुबह 11:00 बजे फिर से सोसाइटी के लोग बिल्डर, महालक्ष्मी विल्डटेक लिमिटेड और यूपी सीडा के खिलाफ आंदोलन करेंगे। सोसाइटी की महिलाएं भी भारी संख्या में हिस्सा लेंगी। लोगों का कहना है कि फ्लैट की रजिस्ट्री और बुनियादी सुविधाएं मिलने तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

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