नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ी खबर : उड़ान भरने में अभी देरी लेकिन इससे पहले ही भरनी होगी 21 करोड़ रुपये की पेनाल्टी, जानिए क्याें

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Greater Noida News : निर्धारित समय पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन शुरू न होने पर ऑपरेटर कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। 30 सितंबर तक उड़ानों का संचालन शुरू हो जाता, तो कंपनी को यह जुर्मान नहीं देना पड़ता, अब संचालन की डेडलाइन अप्रैल 2025 कर दी गई है। जिस कारण प्रतिदिन 10 लाख रुपये के हिसाब से अप्रैल 2025 तक 212 दिन का जुर्माना देना पड़ेगा।

यूपी सरकार को मिलेंगे 21 करोड़ 20 लाख रुपये 
उत्तर प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन 30 सितंबर तक किया जाना था। हालांकि पूर्व में निर्माण कार्य की देरी के कारण ऑपरेटर को 91 दिनों की छूट दी गई थी, जो 30 सितंबर को खत्म हो जाएगा। 30 सितंबर के बाद जितने दिन संचालन में देर होगी, प्रतिदिन 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अप्रैल 2025 में उड़ानों का संचालन शुरू किए जाने की स्थिति में 21 करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना तय हो सकता है। उड़ानों के संचालन में अगर इससे भी अधिक देरी होती है, तो जुर्माने की धनराशि और बढ़ सकती है।

जुर्माना कम कराने के प्रयास शुरू 
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार से जुर्माना कम करने के लिए बातचीत का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि जुर्माना कम किए जाने की संभावना कम ही नजर आ रही है, क्योंकि प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर काफी सख्त है। हालांकि यह संभावना जताई जा रही है कि कुछ समय के लिए जुर्माने को टाला जा सकता है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का उत्कृष्ट उदाहरण है। हम प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे इस एयरपोर्ट को विश्वस्तरीय परियोजना के रूप में तैयार कर सकें।

अब तक नहीं हो सका रनवे पर लाइट लगाने का काम
एयरपोर्ट के रनवे की कारपेटिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि अभी रनवे पर लाइट लगाने का काम पूरा नहीं हो सका है, इसे जल्द पूरा किए जाने का कार्य किया जा रहा है। टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य कई स्तरों पर चल रहा है, हालांकि निर्माण कार्य पूरा होने में अभी और समय लगेगा। इस देरी का मतलब है कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को इस एयरपोर्ट से हवाई यात्रा के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, सरकार और एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है।
 

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