नोएडा मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल की बड़ी उपलब्धि : यूपी में पहली बार हुई मिनिमली इनवेसिव सर्जरी

नोएडा | 12 महीना पहले | Suman Yadav

Tricity Today | नोएडा मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने



Noida News : मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट नोएडा के डॉक्टरों की टीम ने एक क्रांतिकारी सर्जरी कर दिखाई है। जापानी कंपनी की तकनीक एनाकोंडा ग्राफ्ट का इस्तेमाल करते हुए एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म की ये सर्जरी की गई है। ये सर्जरी अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में अभी तक इस तरह के सफल प्रयास नहीं किए गए हैं।  58 वर्षीय पुरुष मरीज को गंभीर हार्ट की समस्या थी, (एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म) जिसे एडवांस तकनीक की मदद से ठीक किया गया। 

मरीज की ओपन हार्ट सर्जरी की गयी थी
मेट्रो हॉस्पिटल नोएडा में चीफ कार्डिएक सर्जन डॉक्टर जीवन पिल्लई के नेतृत्व में मरीज  की ओपन हार्ट सर्जरी यानी बायपास सर्जरी की गई थी। ये सर्जरी कुछ महीने पहले हुई थी। मरीज ने पूरी तरह से रिकवर कर लिया था। वो स्वस्थ लाइफ जी रहे थे। लेकिन, उन्हें पेट में समस्या होने लगी। मरीज का सीटी-एंजियोग्राम किया गया तो बड़े एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म का पता चला। ये एक जानलेवा समस्या थी, जिसमें पेट की महाधमनी या एब्डोमिनल एओर्टा काफी फैल जाती है। अगर इलाज न किया जाए तो इसके टूटने का खतरा रहता है। 

मेडिकल टीम ने एंडोवैस्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर सर्जरी का फैसला लिया
डॉक्टर समीर गुप्ता के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने मरीज की एंडोवैस्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर (EVAR) सर्जरी का फैसला लिया। ये एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया होती है, जिसमें ग्रोइन एरिया यानी कूल्हे के निचले हिस्से और जांघ वाले क्षेत्र में एक छोटा कट लगाया जाता है। 

जापानी मेडिकल कंपनी के बनाए एनाकोंडा ग्राफ्ट को लगाया गया
डॉक्टर जीवन पिल्लई के साथ डॉक्टर समीर गुप्ता ने पूरी प्रक्रिया के दौरान पांच स्किल्ड डॉक्टरों की टीम को गाइड किया। इस सर्जरी की सबसे खास बात ये थी कि इसमें जापानी मेडिकल कंपनी टेरुमो के बनाए एनाकोंडा ग्राफ्ट को लगाया गया। इस ग्राफ्ट का उपयोग उत्तर प्रदेश में पहले कभी नहीं किया गया था। विशेष रूप से डिजाइन किए गए ये ग्राफ्ट एक शानदार टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से यह सुनिश्चित होता है कि सर्जरी भी मिनिमली इनवेसिव रहे और मरीज की रिकवरी भी तेजी से हो। डॉक्टर समीर गुप्ता ने बताया कि ये सर्जरी सफल साबित हुई। इसमें मरीज का सही से ट्रीटमेंट हुआ।

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