नोएडा पुलिस का एक्शन : शिप में नौकरी लगाने के नाम पर पैसा ऐंठने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, जानिए कैसे लगाते थे चूना

नोएडा | 5 घंटा पहले | Junaid Akhtar

Tricity Today | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी



Noida News : नोएडा की थाना सेक्टर-58 पुलिस ने शिप (जहाज) पर नौकरी लगाने के नाम पर फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से एक युवती समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपियों ने इसके लिए सेक्टर-62 स्थित आईथम टावर में ऑफिस बनाया हुआ था। यहां से आरोपी फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे पैसा ऐंठ रहे थे। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सामान भी बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी अब तक सैकड़ों लोगों के साथ लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं। 

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डालते थे विज्ञापन 
नोएडा एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि सेक्टर-58 थाना पुलिस ने एक युवती समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी शिप (जहाज) पर अलग-अलग पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। यह गैंग फर्जी वेबसाइट बनाकर सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन डालकर आम जनता को अपनी ओर आकर्षित करता था। गिरोह लोगों को झांसे में लेकर फर्जी ऑफर लेटर बनाकर देता था। जिसके बाद मेडिकल करवाने, एसटीसीडब्लू, एसआईडी, सीडीसी कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाने के नाम पर लोगों से पैसा ऐंठता था।  पकड़े गए आरोपियों की पहचान पहचान गैंग सरगना अंकित निवासी गुरुग्राम, अरीबा निवासी अमरोहा, यावेंद्र निवासी रामपुर, दुर्गेश यादव निवासी सुल्तानपुर और बादल निवासी लोनी गाजियाबाद के रूप में हुई है। इस गैंग के दो लोग आकाश और आकांक्षा पांडे अभी भी फरार हैं। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

जानिए कैसे बनाते थे शिकार
पूछताछ पर पता चला कि अंकित ने कॉल सेंटर के लिए मार्च महीने में 62 स्थित आईथम टावर में एक ऑफिस किराए पर लिया था। इसका किराया करीब 35 हजार रुपये प्रतिमाह था। अंकित यहां फेसबुक व इंस्टाग्राम पर लोगों को मीटिंग व इंटरव्यू के माध्यम से व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर फर्जी ऑफर लेटर देकर उन्हें जहाज व अन्य स्थानों पर सिविल, कंस्ट्रक्शन, हाउसकीपिंग, सिक्योरिटी गार्ड, गन मैन, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग स्टाफ आदि की नौकरी लगवाने का झांसा देकर उनसे पैसे हड़प लेता था। यह गैंग दूर-दूर के बेरोजगार लोगों को अपना निशाना बनाते थे। अभी तक इनके दो खाते कोटक महिन्द्रा बैंक में मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। 

डमी के तौर पर एक कार्ड करते थे इस्तेमाल 
बादल पुत्र मूलचंद के नाम से एसटीसीडब्लू, एसआईडी, सीडीसी कार्ड मिले हैं, जो किसी अन्य कंपनी के माध्यम से ईरान गए थे। ये लोग इसे डमी के तौर पर इस्तेमाल कर दूसरे लोगों को दिखाते थे कि हमने उसे भी नौकरी दिलवाई है और विदेश भेजा है। इनके पास से फर्जी फिटनेस मेडिकल स्टांप, फर्जी ऑफर लेटर भी बरामद हुआ है। फर्जी स्टांप के जरिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करते थे। 

आरोपियों से बरामदगी 
इनके पास से 8 कंप्यूटर, 1 लैपटॉप, 5 मोबाइल, 11 मुहर, 2 सिम कार्ड, 1 एसआईडी कार्ड, 1 सीडीसी, 1 पासपोर्ट और 8 दस्तावेज ऑफर लेटर बरामद किए गए हैं। पुलिस इनके पास से बरामद लैपटॉप, कंप्यूटर और फर्जी दस्तावेजों की जांच कर रही है।

अन्य खबरें