Noida News : नोएडा के छिजारसी गांव में जमीन की गलत पैमाइश के मामले में भूलेख विभाग के एक लेखपाल को हटा दिया गया है। इस लेखपाल पर आरोप है कि उसने प्राधिकरण की जमीन को किसानों के नाम दर्ज कर दिया था। इसके बाद प्राधिकरण ने उसे निलंबित करने के लिए उसके मूल विभाग को पत्र लिखा है। लेखपाल के खिलाफ कई अन्य शिकायतें भी प्राप्त हो चुकी थीं।
किसान ने अन्य व्यक्ति को बेची प्राधिकरण की जमीन
छिजारसी गांव में खसरा संख्या-200 के अंतर्गत आने वाली 205 वर्गमीटर जमीन का आधा हिस्सा डूब क्षेत्र और आधा नोएडा प्राधिकरण की संपत्ति है। इस जमीन पर पहले से ही किसानों के नाम दर्ज थे, लेकिन उनके पास इस जमीन के मालिकाना हक का कोई कागजात नहीं था। लेखपाल प्रवेश दीक्षित ने नजरी नक्शा तैयार कर किसानों को दे दिया, जिससे उन्हें जमीन के बिक्री का एक तरह का कागजात मिल गया।
जांच में हुआ खुलासा
किसानों ने इस नजरी नक्शे के आधार पर जमीन को किसी अन्य को बेच दिया। नए खरीदारों ने मौके पर खुदाई शुरू कर दी, जिसे गांववालों ने विरोध किया और प्राधिकरण में शिकायत की। प्राधिकरण की जांच में पाया गया कि यह जमीन प्राधिकरण की है। किसानों के लिए इसमें पांच प्रतिशत भूखंड और पहुंच मार्ग का रास्ता बनाने की योजना है।
निलंबन की सिफारिश राजस्व विभाग को भेजी
जांच में लेखपाल की गलती सामने आने पर उसे भूलेख विभाग से हटा दिया गया और अब वह कार्मिक विभाग में अटैच किया गया है। नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि लेखपाल के निलंबन की सिफारिश राजस्व विभाग को की गई है और अन्य अधिकारियों की लापरवाही की भी जांच की जा रही है।