जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण में चार गांव होंगे विस्थापित, विधायक और सीईओ के साथ चल रही बैठक

बड़ी खबर : जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण में चार गांव होंगे विस्थापित, विधायक और सीईओ के साथ चल रही बैठक

जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण में चार गांव होंगे विस्थापित, विधायक और सीईओ के साथ चल रही बैठक

Tricity Today | Thakur Dhirendra Singh

Greater Noida : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Noida International Airport) के दूसरे चरण पर काम शुरू हो गया है। राज्य सरकार, गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Yamuna Authority) दूसरे चरण का भूमि अधिग्रहण कर रहे हैं। इसके लिए 4 गांवों को विस्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को प्रभावित किसानों ने जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह और यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह के साथ बैठक की है। किसानों ने विस्थापन संबंधी पूरी जानकारी मांगी। किसानों का कहना है कि पहले चरण में जिन परेशानियों का सामना करना पड़ा है, इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर जिला प्रशासन और यमुना प्राधिकरण ने इस बार भी पहले की तरह रवैया अपनाया तो किसान गांव खाली नहीं करेंगे।

"पहले चरण में प्रभावित किसानों ने खुले आसमान के नीचे महीनों बिताए"
किसानों ने कहा, "पहले चरण का विस्थापन आनन-फानन में कर दिया गया था। सर्दी का मौसम होने के बावजूद किसानों के घर तोड़ दिए गए थे। जिसकी वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। टाउनशिप में सारे किसानों को भूखंडों का आवंटन भी नहीं किया गया था और गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए। किसानों को भूखंडों का आवंटन पहले किया जाए। जब किसान भूखंडों पर अपने घर बना लें तो उन्हें गांव से विस्थापित किया जाए। पिछली बार यमुना अथॉरिटी ने कहा था कि किसानों को रहने के लिए आवास मुहैया करवाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हजारों परिवारों को भीषण ठंड और बारिश में करीब 6 महीने से ज्यादा वक्त बिताना पड़ा।" किसानों ने आगे कहा, "हम मानते हैं कि क्षेत्र के विकास में भागीदारी करना हमारा दायित्व है, लेकिन सरकार, प्रशासन और प्राधिकरण का फर्ज है कि हमें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाए। अफसर तमाम बातें करते हैं लेकिन उन पर खरे नहीं उतरते हैं। अगर दूसरे चरण के भूमि अधिग्रहण में यही तरीका अपनाया गया तो किसान के असहयोग के लिए मजबूर होंगे।"

किसानों की सारी मांगे मंजूर, परेशानी नहीं होगी
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने कहा, "किसानों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। हम कोशिश करेंगे कि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो। अगर फिर भी किसी परिवार को कोई दिक्कत होती है तो उसका समाधान किया जाएगा। किसानों को भूखंडों का आवंटन समय से पहले कर दिया जाएगा। विस्थापन के वक्त ग्रामीणों को पूरा वक्त दिया जाएगा।" जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने कहा, "पहले चरण में यह किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। यह बात हमें, प्रशासन और प्राधिकरण को मालूम है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। पहले चरण में सामने आई कमियों को दूर किया जाएगा। किसानों की बदौलत यह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा जेवर में बन रहा है। किसानों का एहसान है, जिसका किसी भी ढंग से भुगतान संभव नहीं है। ऐसे में अगर किसानों को परेशानी होती है तो यह बेहद खराब स्थिति है।"

पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इस पर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। स्विस कंपनी इस एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को कर रही है। सितंबर 2024 में जेवर एयरपोर्ट से उड़ाने शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जिला प्रशासन इस प्रक्रिया को पूरा कर रहा है। 

दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा
दूसरे चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। अधिग्रहण से पहले इन 6 गांव में सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट (एसआईए) कराया गया। यह सर्वे गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की टीम ने किया था। एसआईए रिपोर्ट सौंपने के बाद किसानों की सहमति लेने का काम शुरू किया गया। एडीएमएल ए बलराम सिंह की अगुवाई में किसानों से सहमति लेने का काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि है काम बहुत जल्द पूरा हो जाएगा।

1650 किसान दे चुके हैं सहमति
दूसरे चरण में करौली बांगर, दयानतपुर, कुरैब, रन्हेरा, मुंढरह और बीरमपुर की जमीन का अधिग्रहण होना है। इन गांव के करीब 5 हजार खाताधारकों से सहमति ली जानी है। जिला प्रशासन अब तक 1650 किसानों से सहमति ले चुका है। बाकी किसानों से सहमति लेने का काम चल रहा है।

किस गांव की कितनी जमीन का होगा अधिग्रहण
1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होना है। इसमें 124 हेक्टेयर सरकारी जमीन है। इसे सीधा नागरिक उड्डयन विभाग के नाम करा दिया जाएगा। 57 हेक्टयर जमीन का यीडा पहले से अधिग्रहण कर चुका है। इसके अलावा करौली बांगर की 159 हेक्टेयर, दयानतपुर की 145, कुरैब की 326, रन्हेरा की 458 मुंढरह की 46 और बीरमपुर की 49 हेक्टेयर जमीन शामिल है। 

2,890 करोड रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा
जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को 2,890 करोड़ का मुआवजा बांटा जाएगा। यह मुआवजा करौली बांगर, दयानतपुर, कुरैब, रन्हेरा, मुंढरह और बीरमपुर के किसानों को मिलेगा। मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा। पहले चरण में भी किसानों के खाते में ही पैसा भेजा गया था।

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