गाजियाबाद से बड़ी खबर : राजनगर एक्सटेंशन की इस सोसायटी के पानी में मिला खतरनाक बैक्टीरिया, जानिए क्या है पूरा मामला

Tricity Today | KW Sristi Rajnagar Extension



Ghaziabad News : मौसम बदल रहा है, ऐसे में मामूली सा संक्रमण भी सेहत पर भारी पड़ सकता है। संक्रमण का सबसे बड़ा कारण दूषित पेयजल होता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है, लेकिन फिर भी पेयजल को लेकर लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते हैं। ताजा मामला राजनगर एक्सटेंशन की एक पॉश सोसायटी का है। जहां पीने के पानी में खतरनाक बैक्टीरिया मिला है। यह बैक्टीरिया पित्त की थैली और किडनी में स्थाई संक्रमण कर सकता है। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग ने किया है। सोसायटी से पेयजल के पांच नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए थे, पांचों फेल हो गए।

सोसायटी से 30 सेंपल और लिए
जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि सोसायटी का रखरखाव देख रहे बिल्डर को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिस जारी ‌किया गया है। इसके साथ ही सोसायटी से पीने के पानी के 30 सैंपल और लिए गए हैं, इनकी भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सोसायटी में पीने के पानी की हालत बहुत खराब है। पानी में खतरनाक बैक्टीरिया पनप रहे हैं। पीने के पानी में क्लोरीन भी नहीं मिलाई जा रही है। पानी के टैंकों में बरसात का पानी सीधा जा रहा था।

केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी का है मामला
डीएसओ डा. राकेश गुप्ता ने बताया कि केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी से लगातार पानी को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। शिकायत के बाद सोसायटी से पांच सेंपल लिए गए थे, जो जांच में फेल हो गए। पानी का टीडीएस भी 600 से ज्यादा पाया गया है। मामले की सूचना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को भी दी गई है। जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि शनिवार को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोसायटी का दौरा किया। सोसायटी में 11 टॉवर हैं और उनमें पीने के पानी की सप्लाई के लिए 14 टैंक हैं। स्टोरेज टैंक सीमेंट का बना है, जिसमें बारिश का पानी भी सीधा जाता है।

पानी की लाइन में नहीं मिले क्लोरीन डोजियर
पीने के पानी में क्लोरीन का होना बहुत जरूरी है, इसके लिए पानी की लाइन में डोजियर लगाए जाते हैं जो एक निश्चित मात्रा में क्लोरीन छोड़ते रहते हैं। लेकिन सोसायटी की पानी की लाइनों में कहीं भी क्लोरीन डोजियर लगे हुए नहीं मिले। डीएसओ ने बताया कि शनिवार को सोसायटी के सभी पानी के टैंकों, स्टोरेज टैक और कई स्थानों से पानी के 30 सैंपल लिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बैक्टीरिया से होते हैं गंभीर संक्रमण
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि बैक्टीरिया वाले पानी से डायरिया का संक्रमण तो होता ही है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया ऐसे भी होते हैं जो आंतों और पित्त की थैली को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। बैक्टीरिया से आंतों का गंभीर इंफेक्शन और आंतों में छेद तक हो सकते हैं। इसके अलावा किडनी पर भी बैक्टीरिया युक्त पानी का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। बैक्टीरिया पित्त की थैली में स्थायी रूप से संक्रमण कर देते हैं, जिसके कारण पित्त की थैली खराब हो जाती है और उसे निकालना ही पड़ता है।

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