सावधान : अंजान नंबर से Whatsapp कॉल ! हो सकती है खतरे की घंटी, जानिए गाजियाबाद में कैसे लुटी जिंदगी भर की कमाई

Tricity Today | Symbolic image



Ghaziabad News : अंजान नंबर से व्हाट्स एप कॉल रिसीव करते समय सावधान रहें, साइबर अपराधी व्हाट्स कॉल के जरिए ही अधिकतर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। कॉल शुरू होते ही वीडियो ऑन कर ट्रैप करने के आए दिन मामले सामने आ रहे हैं। अपराधी कभी वीडियो कॉल के आपत्तिजनक वीडियो तैयार कर ब्लैकमेल करते हैं तो कभी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धमकाकर पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं। ताजा मामला वसुंधरा सेक्टर- एक का सामने आया है। यहां एक रिटायर्ड अफसर का शातिरों ने पूरे सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा  और फिर 60 लाख रुपए ट्रांसफर कराकर पीछा छोड़ा।

FCI के रिटायर्ड अफसर हैं पीड़ित
वसुंधरा सेक्टर- एक निवासी प्रीतम सिंह चौहान भारतीय खाद्य निगम (FCI) से रिटायर अधिकारी हैं। उनके पास 10 अक्टूबर को एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खु को दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच से बताया। कॉलर ने कॉल रिसीव होते ही उन्हें वीडियो कॉल पर लेते हुए कहा कि आप ने इतना गंभीर अपराध किया कि तत्काल जांच जरूरी है, अन्यथा आपको गिरफ्तार करना पड़ेगा। इसलिए आप स्क्रीन से हटने की कोशिश मत करना।

मानव तस्करी के पैसे खाते में आने की बात कही
कॉलर ने उन्हें बताया कि आपके एचडीएफसी बैंक के खाते में 68 लाख रुपये मानव तस्करी के आए हैं। उन्होंने इस सब से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मानव तस्करी से मेरा कोई वास्ता नहीं है, कुछ गड़बड़ है। इस पर कॉलर ने उन्हें समझाया कि बैंक मैनेजर को 17 बच्चों की मानव तस्करी के 68 करोड़ रुपये मिले हैं। उसकी 10 प्रतिशत राशि यानि 68 लाख रुपये बैंक मैनेजर ने आपके खाते ट्रांसफर कर दिए हैं। आपके खाते में पैसे आए हैं इसलिए आपकी जिम्मेदारी बनती है। इसलिए आपकी जांच होनी है।

जमानत राशि के नाम पर 10 लाख ट्रांसफर कराए
गिरफ्तारी से बचने के लिए जमानत राशि के नाम पर रकम ट्रांसफर करने का दवाब बनाया गया। उनसे 10 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट रहते हुए उन्हें जांच पूरी होने तक स्क्रीन ऑन रखने के लिए बोला गया, और साथ ही धमकी दी गई कि इसमें कोई चूक हुई तो गिरफ्तारी से कोई नहीं बचा पाएगा।

हाईकोर्ट का फर्जी नोटिस दिखाकर 50 लाख ट्रांसफर कराए
10 से 16 अक्टूबर तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट बताकर तंग किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट से रिकवरी बताते हुए 50 लाख रुपये का एक नोटिस दिखाया गया। बुजुर्ग ने डरकर 50 लाख रुपये की राशि कॉलर के द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी। राशि ट्रांसफर होते ही कॉल कट गई। बुजुर्ग ने ठगी का एहसास होने परसाइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

इन बातों का ध्यान रखें
➤ कोई भी एजेंसी पूछताछ के लिए डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।
➤ किसी भी विभाग के द्वारा व्हाट्स कॉल नहीं की जाती।
➤ अननॉन नंबर से आने वाली व्हाट्स कॉल उठाने से बचें।
➤ कोई भी कॉल पर पैसे ट्रांसफर करने को कहे तो ऐसा न करें।
➤ ऐसी स्थिति अपने किसी करीबी या पुलिस को कॉल करें।

अन्य खबरें