Ghaziabad News : गाजियाबाद में एक अधिवक्ता से हाउस टैक्स के नाम पर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। करीब तीन माह पूर्व राजनगर में रहने वाले अधिवक्ता अमित सहलोत के घर दो युवक पहुंचे। उन्होंने खुद को नगर निगम के टैक्स विभाग के कमर्चारी बताते हुए हाउस जमा कराने को कहा। इस पर अधिवक्ता ने उनके सामने ही अपने मोबाइल ऑनलाइन हाउस टैक्स जमा करने का प्रयास किया लेकिन किसी वजह से उस समय टैक्स जमा नहीं हो पाया। युवकों ने कैश लेकर मौके पर ही टैक्स जमा करने की बात कहीं तो अधिवक्ता ने कैश दे दिया। कथित कर्मचारियों ने हाउस टैक्स जमा करने का दावा करते हुए 20 हजार रुपये की रसीद निकाल कर अधिवक्ता के हाथ पर रख दी। तीन माह बाद नगर निगम से मैसेज आने पर पता चला कि शातिर फर्जी रसीद देकर ठगी कर गए।
तीन माह बाद मिला बकाया का मैसेज
अधिवक्ता को तीन माह बाद हाउस टैक्स बकाया होने के संबंध में मैसेज मिला। मोबाइल पर आए मैसेज में हाउस टैक्स जमा कराने के लिए कहा गया था। इस पर उन्होंने नगर निगम जाकर बकाया के बारे में जानकारी की तो पता चला कि उसका हाउस टैक्स जमा हुई ही नहीं है। पूरी छानबीन करने के बाद अधिवक्ता समझ चुके थे कि उनके साथ ठगी हुई है। अधिकवक्ता की ओर से मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
नगर निगम कार्यालय के अलावा नकद भुगतान न करें
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक द्वारा टैक्स विभाग टीम और जोनल प्रभारियों को मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही टैक्स वसूली कर रहे कर्मचारियों पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिए हैं। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने करदाताओं से अपील की है कि केवल नगर निगम कार्यालय में कैश जमा कराएं। नगर निगम के सभी जोनल कार्यालयों में कैश और ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है।
डोर टू डोर कलेक्शन में ऐसें करें भुगतान
डा. संजीव सिन्हा ने बताया कि कर दाताओं की सुविधा के लिए डोर- टू डोर टैक्स कलेक्शन कराया जा रहा है लेकिन कर्मचारियों को नगदी प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। डोर टू डोर कलेक्शन के दौरान केवल यूपीआई के जरिए हाउस टैक्स का भुगतान किया जा सकता है। इसके अलावा अलावा गाजियाबाद नगर निगम के नाम चेक से भुगतान कर सकते हैं। नगर निगम कार्यालयों में बने काउंटर के अलावा कहीं भी, किसी को भी नकद भुगतान न करें।