नोएडा एयरपोर्ट साइट पर पहुंचे चीफ सेक्रेटरी : कहा- इसे यूं ही नहीं कहते योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट, श्रमिकों से जाना हालचाल

Tricity Today | नोएडा एयरपोर्ट साइट पर पहुंचे चीफ सेक्रेटरी



Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दुर्गाशंकर मिश्र ने शुक्रवार की सुबह यमुना अथॉरिटी में स्थित जेवर एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण किया। यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो रहा है, जो दिल्ली नेशनल कैपिटल रीजन में दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का ऑल्टरनेटिव एयरपोर्ट भी बनेगा। इन दौरान उन्होंने रनवे, टैक्सीवे, एप्रन, टेलीकॉम इक्वीपमेंट्स, रडार सिस्टम, एटीसी टॉवर, फायर स्टेशन और टर्मिनल बिल्डिंग आदि के निर्माण कार्यों को देखा। संबंधित संस्थाओं यमुना अथॉरिटी लिमिटेड के सीइओ, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL), डेवलपमेंट कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल, प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट के पदाधिकारियों, जिलाधिकारी, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सीआईएसएफ, डीजीसीए और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इत्यादि से विस्तार से चर्चा की।"

25 प्लेन एक साथ खड़े हो सकते हैं
दुर्गाशंकर मिश्र ने इस दौरान कहा, "प्रथम चरण में वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों के आवागमन के लिए कार्य चल रहा है। यह क्षमता अंतिम चौथे चरण तक 7 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। इसमें  चार चरणों में छह एयरस्ट्रिप बनेंगी। अभी एक पर कार्य चल रहा है। अभी एप्रन में 25 प्लेन एक साथ खड़े हो सकते हैं और 8 एयरोब्रिज हैं।"

बहुत सारे कार्य फिनिशिंग स्टेज पर
चीफ सेक्रेटरी से कहा, "मुझे खुशी है कि इस एयरपोर्ट के अधिकांश कार्य लगभग समय से चल रहे हैं। जहां कहीं कठिनाइयां आ रही हैं, उन पर विस्तार से चर्चा करके तरीका निकालने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे यह एयरपोर्ट इसी वर्ष 2024 में वर्ष से पूर्व चालू हो सके। मौके पर तमाम सारे आवश्यक उपकरण पहुंच चुके हैं, जो कुछ लग चुके हैं या उनको लगाने की कार्यवाही चल रही है। बहुत सारे कार्य फिनिशिंग स्टेज पर हैं। दो एयरोब्रिज भी पहुंच चुके हैं। एप्रन और टर्मिनल बिल्डिंग पर बहुत तेजी से कार्य चल रहा है।"

एयर कनेक्टिविटी हब बनेगा
आईएएस दुर्गाशंकर मिश्र ने कहा, "एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस बात के लिए मुझे आश्वस्त किया कि उनके द्वारा सारे नेविगेशन के उपकरण ले लिए गए हैं, जो समय से लगा दिए जाएंगे। जिससे एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो सके। डीजीसीए ने भी अपना पूरा शेड्यूल बना रखा है, ताकि आवश्यक क्लियरेंस देने में अनावश्यक विलम्ब न हो। इस एयरपोर्ट को एक्सप्रेसवे से जोड़ने का भी कार्य तेजी से चल रहा है। भविष्य में इसे रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट और रेल से भी जोड़ने की कार्ययोजना है, जिसमें अभी कुछ समय लगेगा, लेकिन भविष्य में यह एयरपोर्ट रेल, एक्सप्रेसवे, हाइवे और आरआरटीएस सबसे जुड़कर नेशनल कैपिटल रीजन का एक महत्वपूर्ण एयर कनेक्टिविटी हब बनेगा।"

कहा- श्रमिक भाइयों का अच्छे से ख्याल रखो
उन्होंने आगे कहा, "यहां पर कार्गो का भी बहुत बड़ा हब बन रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों से जैसे यमुना अथॉरिटी की इंडस्ट्रीज एवं क्राफ्ट कृषि औद्यानिक उत्पादन इत्यादि के कार्यों में मदद मिलेगी। मैंने मौके पर कार्य कर रहे श्रमिक भाइयों से भी बात की। यहां उनके कल्याण के लिए बहुत सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। मैंने उनकी कैंटीन का भी निरीक्षण किया। इस बात की मुझे संतुष्टि है कि यहां पर कार्य कर रहे लगभग 7,000 श्रमिक भाइयों का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है। एयरपोर्ट का जल्दी परिचालन कराया जाना है, इसलिए मैंने मौके पर टाटा प्रोजेक्ट से अपेक्षा की कि श्रमिकों की संख्या करीब 8500 से 9000 तक लोग फिनिशिंग स्तर पर कार्य करें, जिससे किसी भी प्रकार विलम्ब न हो।"

अभी तक 1.1 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल 
उनका कहना है, "यह प्रोजेक्ट न केवल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी देगा, बल्कि देश के बहुत बड़े एयरहब के तौर पर विकसित होगा। बल्कि साथ ही अभी तक इसने देश की अर्थव्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। इस वृहद कार्य में अभी तक 37 मिलियन सुरक्षित मानव घंटे सृजित हो चुके हैं। वहीं 1.1 लाख मीट्रिक टन सीमेंट, जो कुल 1.7 मीट्रिक टन कंक्रीट एग्रीगेट, 40 हजार मीट्रिक टन स्टील, 40 हजार मीट्रिक टन फ्लाई ऐश इत्यादि का इस्तेमाल हो चुका है। ये सभी अर्थ व्यवस्था को सीधे आगे बढ़ा रहे हैं। मैंने सारे स्टेकहोल्डर्स से अपेक्षा की कि जो लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किए हैं उसके अनुसार कार्य पूरा करें, जिससे इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवा की शुरुआत कराई जा सके।"

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