ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ लखनऊ पहुंची शिकायत : किसानों ने वित्त विभाग पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वित्त विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थानीय किसानों ने प्राधिकरण के महाप्रबंधक (वित्त) और उप महाप्रबंधक (वित्त) पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारियों द्वारा भूमि खरीद के भुगतान में जानबूझकर देरी की जा रही है और इसके एवज में 5% से 6% की रिश्वत की मांग की जा रही है। 

रिश्वत के कारण भूमि खरीद परियोजनाएं रुकी
ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र के कई गांवों में प्राधिकरण द्वारा किसानों से भूमि खरीदी जा रही है। इस प्रक्रिया में भूलेख विभाग से भुगतान की फाइलें वित्त विभाग को भेजी जाती हैं। किसानों का आरोप है कि वित्त विभाग के अधिकारी फाइल को मंजूरी देने से पहले रिश्वत की मांग करते हैं। जिससे कई परियोजनाएं ठप हो गई हैं। किसानों ने अपनी शिकायत मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भी भेजी है, लेकिन अभी तक अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

प्राधिकरण के भीतर दलालों के नेटवर्क का आरोप
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि वित्त विभाग के इन अधिकारियों ने प्राधिकरण के भीतर दलालों का एक नेटवर्क बना रखा है। किसानों के मुताबिक फाइलें कई महीने तक घूमती रहती हैं और अंत में रिश्वत के बिना मंजूर नहीं होती। इसके चलते कई किसान भूखंड आवंटन और भूमि खरीद के मामलों में अड़चन का सामना कर रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने एजेंसी के माध्यम से तीन सीए नियुक्त किए हैं, जो किसानों के मामलों में विलंब कर रहे हैं और रिश्वत की प्रक्रिया को बढ़ावा दे रहे हैं।

किसानों ने की तबादले की मांग
ग्रेटर नोएडा के राजवीर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह को संबोधित एक पत्र भेजा है। उन्होंने मांग की है कि इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और उनका अन्यत्र तबादला किया जाए, जिससे भूमि खरीद और भूखंड आवंटन की प्रक्रिया में तेजी आ सके और किसानों को न्याय मिल सके।

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