Hapur News : पटना में हुए बवाल के बाद वकीलों ने तहसील पर जड़ा ताला, इस अधिकारी का तबादला कराने पर अड़े

Tricity Today | पटना में हुए बवाल के बाद वकीलों ने तहसील पर जड़ा ताला



Hapur : अधिवक्ता के परिजन के साथ मारपीट किए जाने और वकील के परिवार के ही चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए अधिवक्ताओं ने तहसील में जोरदार प्रदर्शन किया। तहसील के कई कार्यालयों के गेट बंद करा दिए। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक नायब तहसीलदार का तबादला नहीं होता, अधिवक्ता पक्ष की ओर से तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर तहसील प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया है।

दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए
थाना हापुड़ देहात क्षेत्र में गांव पटना में चल रहे निर्माण कार्य को लेकर सोमवार को विवाद हो गया था। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए थे। दो महिला समेत चार लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, लेखपाल को घायल करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में लेखपाल पक्ष की ओर से थाने में तहरीर दी गई थी। वहीं दूसरे पक्ष ने भी लेखपाल और अन्य लोगों पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी।

वकीलों ने किया प्रदर्शन
इस मामले में तहसील में काफी संख्या में अधिवक्ता नारेबाजी करते हुए पहुंचे, वहां उन्होंने प्रदर्शन किया। कई कार्यालय के गेट बंद करा दिए, इस कारण खतौनी निकालने का कार्य भी रूक गया था। इसी बीच पुलिस मौके पर पहुंची और अधिवक्ताओं को समझा बुझाकर वापस भेजा गया।

हापुड़ बार एसोसिएशन के सदस्य
हापुड़ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजित चौधरी का कहना है कि बार के अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह हापुड़ बार एसोसिएशन के सदस्य हैं, उसमें नायब तहसीलदार ने उनके पक्ष में एक आर्डर पास किया था। उसके बाद दूसरे पक्ष के प्रार्थना पत्र पर आर्डर कर दिया। अधिवक्ताओं द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया, मौके पर तहसील की टीम दूसरे पक्ष के लोगों के साथ गई।

महिलाओं के साथ मारपीट
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिवक्ता पक्ष की महिलाओं के साथ मारपीट हुई। एक घायल महिला अभी भी अस्पताल में भर्ती है। जहां उनका उपचार चल रहा है। उनका मुकदमा नहीं लिखा, उल्टा अधिवक्ता पक्ष के चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके विरोध में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। लेखपाल के साथ कोई मारपीट नहीं हुई। उनका कहना है कि जब तक नायब तहसीलदार का तबादला नहीं होता, अधिवक्ता पक्ष की ओर से भी मुकदमा दर्ज नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा।

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