Noida News : नोएडा में साइबर अपराध का एक नया मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक को पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने उसे चार घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और 14 लाख रुपये ऐंठ लिए। इस मामले में आरोपियों ने खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और मुंबई पुलिस के अधिकारी बताकर ठगी की। पीड़ित युवक ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
विनीत तोमर के साथ कैसे हुआ फ्रॉड
ग्रेटर नोएडा में पीड़ित विनीत तोमर अपनी पत्नी के साथ किराये के मकान में रहते हैं। विनीत तोमर ने पुलिस को बताया कि बीते 24 जून को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को फेडेक्स कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग कर एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है। कॉलर ने यह भी बताया कि पार्सल में विदेशी मुद्रा और ड्रग्स जैसे आपत्तिजनक सामान होने के कारण इसे रोक लिया गया है और उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है।
साइबर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कॉल
विनीत ने इस पर कहा कि उन्होंने ऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है। इस पर कथित फेडेक्स कर्मचारी ने उन्हें बताया कि उन्हें मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करनी होगी, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कॉल को कथित मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया।
वीडियो कॉल पर हुआ विश्वास
मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच के नाम पर बात कर रहे जालसाज ने विनीत को एक वीडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड करवाया। वीडियो कॉल के दौरान जालसाज ने खुद को सीईआईडी साइबर क्राइम का अधिकारी बताया और विनीत से जांच शुरू की। वीडियो कॉल में बैकग्राउंड में वर्दी में मौजूद कई पुलिस अधिकारी भी नजर आ रहे थे, जिससे विनीत को यकीन हो गया कि वह वास्तविक अधिकारी से बात कर रहे हैं।
14 लाख 9 हजार रुपये का फ्रॉड
जालसाज ने तरह-तरह के सवाल पूछकर विनीत को डराया और चार घंटे तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट में रखा। इस दौरान, जालसाजों ने विनीत को मजबूर किया कि वे 14 लाख 9 हजार रुपये उनके खाते में ट्रांसफर कर दें। विनीत ने यह राशि डर और भ्रम में आकर जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर दी। विनीत ने इस घटना के बाद तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जालसाजों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।