नोएडा प्राधिकरण में नियुक्ति घोटाला : सीईओ ने चार जूनियर इंजीनियर को किया बर्खास्त, बड़े अफसर के खिलाफ रिपोर्ट तैयार!

नोएडा | 3 घंटा पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | नोएडा प्राधिकरण



Noida News : नोएडा प्राधिकरण से बड़ी खबर है। प्राधिकरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। प्राधिकरण के ईएंडएम और आईएसटीएमएस विभाग में कार्यरत चार जूनियर इंजीनियरों (जेई) की संविदा समाप्त कर दी गई है। यह कार्रवाई सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने उनके खिलाफ मिली शिकायतों और जांच के बाद की है। इस कार्रवाई के बाद नोएडा प्राधिकरण में हड़कंप मच गया है।

क्या है मामला 
सूत्रों ने बताया कि सीईओ को शिकायत मिली थी कि इन जेई की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ हैं। इसके अलावा, यह भी पता चला कि ये चारों जेई प्राधिकरण में ही कार्यरत कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और बाबुओं के रिश्तेदार हैं। इन बाबुओं का बोल बाला इतना है कि कई सालों से इनके विभाग नहीं बदले हैं। इस मामले में विशेष रूप से ईएंडएम विभाग के एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने इन नियुक्तियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नियुक्ति करने के लिए मोटी रकम वसूली है। प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि इस अधिकारी के खिलाफ भी जांच की जा रही है। इस अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर रही है, जो आने वाले दिनों में शासन को भेजी जाएगी।

नियुक्ति प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल
जानकारी के अनुसार, रूप सैनी से मोटा पैसा लेकर उसे इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS) में भर्ती किया गया है। उसके पास जो डिग्री है, वह कंप्यूटर साइंस की है। E&M-2 में तरुण चौधरी को संविदा जेई की तैनाती दी गई है। जो जल खंड में मदन पाल चौधरी का बेटा है, करीब 20 सालों से मदन पाल (जल खंड) में तैनात है। ईएंडएम-1 में राय प्रताप सिंह को संविदा पर लगाया गया है, जो प्राधिकरण में तैनात जेई अनेक सिंह का रिश्तेदार है। E&M-3 में तुषार देशवाल को संविदा जेई पर नियुक्ति की गई, जो अजय देशवाल का रिश्तेदार है। इन सभी की नियुक्ति कुछ महीने पहले ही हुई थी। लेकिन जल्द ही इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। यह खुलासा प्राधिकरण में भाई-भतीजावाद के आरोपों को और बल देता है।

सीईओ बोले जांच जारी
नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि चारों जेई को नौकरी से हटा दिया गया है। इन कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली थीं। जांच में ये शिकायतें सही पाई गईं, जिसके बाद यह कठोर कदम उठाया गया है। इस मामले में जांच जारी है, आगे जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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