नोएडा कैंब्रिज स्कूल केस : यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया संज्ञान, जांच के लिए सदस्य भेजी

नोएडा | 4 घंटा पहले | Jyoti Karki

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Noida News : नोएडा के सेक्टर-27 में स्थित कैंब्रिज स्कूल (Cambridge School) में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची से डिजिटल रेप का मामला शहर में तूल पकड़ गया है। स्कूल प्रशासन पर मामले को छिपाने और पुलिस पर दबाने के आरोप हैं। अब यह घटना शहर ही नहीं, पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। शनिवार को सैकड़ों अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने एक विशेष जांच टीम गठित की है। साथ ही, अब उत्तर प्रदेश महिला आयोग (Uttar Pradesh Women's Commission) भी एक्शन मोड में है। आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है और अपनी ओर से एक सदस्य को जांच के लिए भेजा है। 

आरोपियों के खिलाफ एक्शन मोड में महिला आयोग 
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कहा कि जैसे ही हमें इस मामले की जानकारी मिली, हमने तुरंत अपनी टीम की सदस्य को जांच के लिए भेजा है। मामले की सच्चाई सामने आने पर आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन और कुछ अधिकारी मामले को दबाने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। 

इस दर्दनाक घटना से गुजरी मासूम
यह पूरी घटना 9 अक्तूबर की है। बच्ची के पिता जब उसे डॉक्टर के पास ले गए तो यह पूरा मामला खुला। बच्ची ने अपनी मां को पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही बताया कि स्कूल की क्लास टीचर ने मम्मी और पापा से इस बारे में बताने से मना किया था। अपनी बच्ची के साथ हुई घटना को सुनकर उनके होश उड़ गए। पिता का आरोप है कि इस घटना को लेकर स्कूल मैनेजमेंट ने उनकी एक न सुनी। पुलिस से शिकायत करने पर आरोपी हाउस कीपिंग स्टाफ नित्यानंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और इस मामले को दबा दिया गया। इस मामले को पुलिस और प्रशासन ने पांच दिन तक दबाए रखा। 

ट्राईसिटी टुडे के खुलासे के बाद मचा हड़कंप
इस पूरे मामला का 14 अक्तूबर को सबसे पहले ट्राईसिटी टुडे ने खुलासा किया था। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस की तरफ से रिप्लाई आया कि घटना पांच दिन पहले की है। इस मामले में बच्ची के साथ गलत हरकत करने वाले स्कूल कर्मचारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इसके बाद ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले में स्कूल मैनेजमेंट और इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने को लेकर पुलिस और प्रशासन को चेताया, लेकिन जिला प्रशासन कुंभकरण की नींद में सोया रहा। मामला ज्यादा हाईलाइट होने पर पुलिस ने क्लास टीचर और स्कूल एडमिनिस्ट्रेटर को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन उन्हें भी सबूतों के अभाव के चलते जमानत मिल गई।

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