Chilla Elevated Road : सालों से अटके पड़े निर्माण को मिलेगी रफ्तार, चुनाव बाद होगा टेंडर जारी

नोएडा | 3 महीना पहले | Nitin Parashar

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Noida News : दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर से नोएडा के महामाया फ्लाईओवर तक चिल्ला एलिवेटेड रोड (Chilla Elevated Road) का निर्माण करीब दो साल से पूरी तरह बंद पड़ा है। इस परियोजना के टेंडर को खोलने में देरी हो रही है। सेतु निगम और नोएडा प्राधिकरण के बीच हुई बैठक में पता चला कि टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना जरूरी है, जिसे अब तक नहीं लिया गया है। अब तय हुआ है कि चुनाव आचार संहिता हटने के बाद यह टेंडर खोला जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण सबसे कम बजट वाली कंपनी को निर्माण का टेंडर देगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो सीईओ डॉ. लोकेश एम. जनवरी 2024 के अंत तक एलिवेटेड रोड का काम शुरू करा देंगे। इससे चिल्ला से एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाली लिंक रोड का जाम खत्म हो जाएगा।

787 करोड़ रुपये की लागत
अभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई है, ऐसे में टेंडर संबंधी कई अड़चन हैं। पिछले टेंडर में भी एजेंसी का चयन नहीं हो पाया था। यूपी कैबिनेट ने पिछले साल चिल्ला एलिवेटेड रोड की 787 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी थी। उसमें तय किया गया कि काम कराने के लिए सेतु निगम टेंडर जारी करेगा जबकि निगरानी नोएडा अथॉरिटी की होगी। इसके बाद सेतु निगम ने चिल्ला एलिवेटेड रोड के लिए 680 पिछले लिए साल जारी किया था। जीएसटी और अन्य टैक्स लगकर यह लागत 787 करोड़ होती है।

चिल्ला एलिवेटेड रोड दिलाएगा जाम से निजात
जानकारी के अनुसार, साल 2012 में नोएडा अथॉरिटी ने एक उपाय सुझाया था। उन्होंने शाहदरा नाले के किनारे 5.5 किलोमीटर लंबा और छह लेन का फ्लाईवे बनाने की योजना बनाई, ताकि ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सके। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण जरूरी है, जिससे मयूर विहार-महामाया के ट्रैफिक जाम से बचा जा सकेगा। एलिवेटेड रोड पर नोएडा के अलग-अलग हिस्सों से आने-जाने के लिए अलग से एंट्री और एग्जिट पॉइंट बनाए जाएंगे। अब इस प्रोजेक्ट को बनाने में कम से कम तीन साल लग जाएंगे। ऐसे में अगर इसी साल फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो जाए तो उम्मीद है कि 2027 तक यह रोड बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इसका निर्माण कब शुरू होगा।

12 सालों से अटका हुआ है प्रोजेक्ट
भले ही इस प्रोजेक्ट की योजना 2012 में बना ली गई थी, लेकिन कई चुनौतियों की वजह से इसें मंजूरी मिलने में देरी हुई। फ्लाईओवर की मंजूरी की प्रक्रिया में 6 साल लग गए। इसकी शुरुआत 2013 में ही ग्राउंड पर स्टडी से हुई, लेकिन इस प्रोजेक्ट को दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से मंजूरी दिसंबर 2018 को मिली। इसके अलावा दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अंतर्गत आने वाले एजेंसी यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग) सेंटर से 14 दिसंबर 2018 को मिली।

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