नोएडा से बड़ी खबर : व्यापारियों ने ई-व्यापार का किया विरोध, बोले- जल्द ही सबकुछ लुट जाएगा

नोएडा | 2 दिन पहले | Junaid Akhtar

Tricity Today | अध्यक्ष नरेश कुच्छल



Noida News : देश के खुदरा व्यापार को ई-व्यापार पूरी तरह से चौपट कर रहा है। इसे अगर रोका नहीं गया तो देश की ज्यादातर अधिकतर दुकाने बंद हो जाएंगी। इससे जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। व्यापारी वर्ग का सबकुछ लूट जाएगा। उपरोक्त बातें उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने की। 

करोड़ का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित
उन्होंने कहा कि नोएडा के ज्यादातर व्यापारी आज खाली बैठे हैं। वे कहते हैं कि दुकान से ग्राहक गायब हैं। आज स्थिति यह है कि किराया की मार और अन्य खर्चे झेलने में व्यापारी असमर्थ हैं। इससे शहर की अनेक दुकानों में ताले लटक रहे हैं। व्यापारियों को समझ में नहीं आ रहा कि वे आखिर करें तो क्या करें ? नरेश कुच्छल ने कहा कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से देश के 7 करोड़ व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। 100-200 रुपए का सामान भी ऑनलाइन ट्रेडिंग से खरीदा जा रहा है। हकीकत में ऑनलाइन व्यापार ने देसी व्यापार को चौपट कर दिया है। अगर व्यापारी नहीं चेते तो हालत और खराब होती चली जाएगी।

व्यापार हुआ कम
उन्होंने बताया कि व्यापारी वर्ग यह स्वीकार सब कर रहे हैं कि व्यापार कम हो गया है, लेकिन वजह कोई नहीं जानना चाहता है। हकीकत यह है नई पीढ़ी अपनी जरूरत का अधिकतम सामान ऑनलाइन खरीद रही है। किसी जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापारी बनकर इस देश में घुसपैठ की थी और हमें गुलाम बना ली थी।आज फिर विदेशी ऑनलाइन कंपनियां हमारे देश के व्यापार पर कब्जा कर रही हैं। 100, 200, 500 रुपए की बचत के लालच में हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं। इसलिए देश के खुदरा व्यापार को बचाने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग पर सरकार द्वारा रोक लगाई जाए। 

छोटे-मझोले व्यापारियों को निगलने की कोशिश 
नरेश कुच्छल ने कहा, सुरसा, डायन की तरह मुंह फाड़े ई-कारोबार ने छोटे-मझोले व्यापारियों को निगलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। छोटे व्यापारी बड़ी सहजता से इसके शिकार होते जा रहे हैं। ऑनलाइन व्यापार से होने वाली क्षति, आपसी प्रतिस्पर्धा, कम बिक्री, कोरोना महामारी और मंदी की वजह से टूट चुके व्यापारी कम मुनाफे में अपने माल को बाजार में बेचने के बाद भी जरूरत के हिसाब से कमाई नहीं कर पा रहे हैं।

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