Tricity Today | जेवर में कोरोना से संक्रमित तीन लोगों की इलाज के अभाव में मौत
गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने में उतनी ही परेशानी हो रही है। इसकी वजह से लोग अपने सामने अपनों को दम तोड़ते देखने को विवश हैं। जिले के जेवर कस्बे में भी कोरोना का कहर जारी है। इस महामारी ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों की जिंदगी लील ली। कस्बे के कई लोग वायरस के काल से बचने के लिये अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं।
मोहल्ला होली चौक जेवर में रहने वाले पूर्व सभासद पवन शर्मा (55 वर्ष), मोहल्ला चौथईयापट्टी जेवर की निवासी निशा देवी-पत्नि सुरेन्द्र पाल सिंह (57 वर्ष) और मोहल्ला सल्लियान जेवर निवासी सुनीता देवी-पत्नि खजान सिंह (59 वर्ष) कोरोना पॉजिटिव थीं। तीनों का जेवर के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। मगर ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों की हालत बिगड गयी। चिकित्सकों ने हाथ खड़े कर दिए। परिजन अपने मरीजों को एंबुलेंस से दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे। मगर अंत समय तक मिन्नतें करने के बावजूद भी एंबुलेंस नहीं मिली। अपनों के सामने ही तीनों मरीजों ने तीन दिन के अंतराल में दम तोड दिया। मौत की खबर फैलते ही आसपास के गांवों में मातम छा गया।
15 दिन पहले परिजनों की मौत हुई थी
सुनीता देवी के पति खजान सिंह (63 वर्ष) व निशा देवी की जेठानी ओमवती देवी पत्नि चन्द्र प्रताप सिंह (70 वर्ष) की अचानक बीमारी के कारण मौत हो गयी थी। उसके बाद सुनीता देवी व निशा देवी की कोरोना से जान चली गई। इससे पूरा परिवार सदमें में है। जबकि निशा देवी के छोटे बेटे सौरभ की रिर्पोट भी कोरोना पॉजिटिव आयी है। इसका उपचार खुर्जा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
प्रशासन से नाराज
कोरोना से हुई मौत को लेकर ग्रामीणों में रोष है। उनका कहना है कि प्रशासन ने कस्बे में सेनेटाइजेशन तक नहीं कराया है। कोरोना के बढ़ते खौफ को लेकर पुलिस-प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। जिससे कस्बे के लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं। उन्होने जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से सेनेटाइजेशन कराने और दूसरी जरूरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।