गाजियाबाद से बड़ी खबर : विधायक योजना के 7 भूखंड रद्द, जीडीए के पूर्व सचिव की वजह से लटकी कार्रवाई की तलवार

गाजियाबाद | 3 महीना पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | Ghaziabad Authority



Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इंदिरापुरम में विधायक योजना के तहत आवंटित सात भूखंडों के आवंटन को रद्द करने का आदेश दिया है। इन भूखंडों में से कई जीडीए के पूर्व सचिव के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और परिचितों को कथित तौर पर मिलीभगत या पूर्व सचिव के निर्देश पर आवंटित किए गए थे। यह कार्रवाई 2012 में दायर एक जनहित याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों और उसके बाद यूपी आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देशों के अनुपालन में की गई है।

पूर्व अफसरों ने नियमों का उल्लंघन किया
जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि विधायकों के लिए आरक्षित भूखंडों को नियमों का उल्लंघन करते हुए अन्य लोगों को आवंटित किए जाने की शिकायतों की जांच के बाद यह कदम उठाया गया है। एक जांच समिति की सिफारिशों पर कुल सात भूखंडों के आवंटन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम है प्लॉट
अतुल वत्स ने बताया कि रद्द किए गए आवंटनों में जीडीए के पूर्व सचिव के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों आदि के नाम भी शामिल हैं, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन करके आवंटन प्राप्त किया था। आरोप है कि सात मामलों में आवंटियों ने कथित मिलीभगत या पूर्व सचिव के निर्देश पर विधायक योजना में प्लॉट प्राप्त करने के लिए अपने मूल आवंटन को परिवर्तित करवा लिया था।

एक ही परिवार के सदस्यों को प्लॉट आवंटित किए
जीडीए ने एक प्रेस बयान में बताया कि इन आवंटनों में कई अनियमितताएं और अवैधताएं पाई गईं। एक मामले में पूर्व सचिव के एक परिवार के सदस्य ने वैशाली योजना से इंदिरापुरम योजना में आवंटन परिवर्तित करवा लिया था। एक अन्य मामले में पूर्व सचिव की पत्नी के नाम पर आवंटित किया गया भूखंड योजना शुरू होने के सात साल बाद परिवर्तित किया गया था।

14 साल के बाद हुआ एक्शन
कुछ मामलों में आवंटियों ने फर्जी या जाली अपंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए भूखंडों की रजिस्ट्री कराई थी, जिसकी जांच मंडलायुक्त द्वारा की गई थी। एक मामले में 14 साल के बाद भूखंड का रूपांतरण किया गया था। एक अन्य मामले में भूखंड पूर्व सचिव के भाई को आवंटित किया गया था। वत्स ने कहा कि फर्जी आवंटन मामलों में यदि कोई एफआईआर या कानूनी कार्रवाई शुरू की जाती है तो जीडीए राज्य सरकार के अधिकारियों के निर्देशों का इंतजार करेगा।

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