कूड़े से पटा गाजियाबाद : गुस्साए लोगों ने नगर निगम ‌के खिलाफ प्रदर्शन किया, जेसीबी और चालक को बना लिया बंधक

Tricity Today | जेसीबी को बंधक बनाकर नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग।



Ghaziabad News : यूं तो नगर निगम के द्वारा शहर को साफ सुथरा बनाने के दावे किए जा रहे हैं, कूड़ा निस्तारण पर निगम के द्वारा एक मोटी रकम खर्च की जा रही है, लेकिन असल स्थि‌ति यह है कि कूड़ा न उठने और जगह जगह कूड़े के लगे ढेर से उठने वाली दुर्गंध के चलते लोगो का गुस्सा बढ रहा है। नाराज लोगों ने शुक्रवार को नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही कूड़े को हटाने पहुंची बुलडोजर की चाबी छीन चालक को भी बंधक बना लिया। गुस्साए लोगों ने अधिकारियों के आश्वासन के बाद चाबी दी व बुलडोजर को ले जाने दिया गया।

दुर्गंध से परेशान होकर सड़क पर उतरे लोग
हिंडनपार के वार्ड 37 के अंतर्गत आने वाली गरिमा गार्डन की 80 फुटा रोड से कूड़ा न उठने की समस्या से गुस्साए इलाके के लोग शुक्रवार को सड़क पर उतर आए और निगम के जेसीबी चालक को बंधक बना लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बीते कई वर्ष से यहां कूड़ा डाला जा रहा है। इसकी दुर्गंध से यहां रहना भी दूभर हो गया है। घर से निकलते ही कूड़े के ढेर का सामना करना पड़ता है।

करीब 15 दिन से नहीं हुआ कूड़े का उठान
करीब 15 दिन से कूड़े का उठान नहीं हुआ, इसलिए स्थिति और बदतर हो गई। करीब आठ से 10 फीट ऊंचा कूड़े का ढ़ेर लग गया है। क्षेत्र के लोगों का कहना था कि यह रोड दिल्ली एवं यूपी सीमा से लगी है तथा रोड से बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होता है, उसके बावजूद सड़क पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं और स्वच्छ भारत अभियान को चिढ़ाते रहते हैं।

डंपिंग ग्राउंड बनाने से लोगों में रोष
क्षेत्र के लोगों का कहना था कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने 80 फुटा रोड को डपिंग ग्राउंड में तब्दील कर दिया गया है। विभिन्न वार्डों से निकलने वाले कूड़े को यहां लाकर डाला जा रहा है, जिससे आसपास के लोगों का बीमार पड़ने का खतरा बढ गया ‌है। नगर निगम अधिकारियों को लगातार अवगत कराने के बावजूद भी सनवाई नहीं हो रही है।

पूर्व पार्षद के हस्तक्षेपर मुक्त हुई जेसीबी
निगम के पूर्व पार्षद सरदार सिंह भाटी के हस्तक्षेप के बाद जेसीबी चालक मुक्त हो सका। पार्षद अक्सर कूड़ा निस्तारण के नाम पर नगर निगम में बड़ा खेल चलने का आरोप लगाते रहते हैं। पार्षदों का कहना है कि अधिकारी साफ- सफाई के नाम केवल निजी कंपनियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

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