हाईटेक होगा गाजियाबाद : ITMS से कंट्रोल होगा ट्रैफिक, हाई रिजोल्यूशन कैमरे अपराधियों पर भी कसेंगे नकेल

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Ghaziabad news : वो दिन दूर नहीं जब शहर का ट्रैफिक इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के जरिए संचालित होगा। ट्रैफिक सिग्नलिंग और चालान की पूरी व्यवस्था आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए व्यवस्थित होगी। इसके लिए  शहर के 42 मुख्य चौराहों पर 273 अत्याधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे इतनी हाई रिजोल्यूशन वाले होंगे के रात ‌के अंधेरे  में भी साफ तस्वीरें ले सकेंगे। बड़ी बात यह भी होगी कि इस सिस्टम के जरिए अपराधियों पर भी नकेल कसी जा सकेगी।

मुख्यमंत्री योगी कर चुके हैं प्रोजेक्ट का शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 18 सितंबर को घंटाघर रामलीला मैदान से ITMS का शिलान्यास कर चुके हैं। प्रोजेक्ट पर 82 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के तहत हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगेंगे। नाइट विजन वाले ये कैमरे रात में क्लीयर तस्वीरें लेकर कंट्रोल रूम को भेजेंगे। इन कैमरों की खासिक होगी कि ये 360 डिग्री पर कवरेज करेंगे। नगर निगम की ओर से प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी किए गए हैं और तीन कंपनियों ने नगर निगम के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में रूचि दिखाई है।

गाजियाबाद में पंजीकृत हैं आठ लाख वाहन
गाजियाबाद में आठ लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, इसके अलावा नोएडा और दिल्ली के वाहनों का भी गाजियाबाद की सड़कों पर लोड रहता है। इतनी भारी तादात में वाहन सड़कों पर होने से ट्रैफिक कंट्रोल करना मुश्किल होता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से संचालित आईटीएसएम इस समस्या का समाधान होगा। बड़ी बात होगी कि यह प्रोजेक्ट सड़क पर होने वाले भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाने का काम करेगा।

वाहनों के लोड के हिसाब से कंट्रोल होंगे सिग्नल
वाहनों के लोड के हिसाब से ट्रैफिक सिग्नलिंग कट्रोल होगी तो ट्रैफिक स्मूथ हो सकेगा। दरअसल कई बार किसी दिशा में ट्रैफिक कम होने पर भी सिग्नल ग्रीन ही रहता है और दूसरी साइड के लोग रेड सिग्नल में फंसे रहते हैं, ITMS के बाद सिग्नल की टाइमिंग भी जरूरत के मुताबिक स्वतः बदलती रहेगी। इसके अलावा ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले वाहनों का चालान होने में भी कोई चूक नहीं होगी। अत्याधुनिक कैमरे यह काम बड़ी स्मार्टनेस और परफेक्शन के साथ करेंगे।

HS नंबर प्लेट पढ़ने में सक्षम होंगे कैमरे
ITMS के तहत लगने वाले अत्याधुनिक कैमरे वाहनों पर लगी हाई सिक्योरिटी (HS) नंबर प्लेट को पढ़ने में सक्षम होंगे। नंबर प्लेट से यह वाहन की पूरी कुंडली निकालकर नियम तोड़ने वाले वाहन के घर पहुंचने से पहले चालान पहुंचा चुके होंगे। खास बात यह है कि ये कैमरे रात में उसी परफेक्शन के साथ नंबर प्लेट को पढ़ने में सक्षम होंगे।

50 चौराहों में आदमी को पहचानने वाले कैमरे होंगे
शहर में अपराध काबू करने के लिए प्रोजेक्ट के 50 मुख्य चौराहों पर ऐसे कैमरे लगेंगे जो आदमी की पहचान करने में सक्षम होंगे। कंट्रोल रूम से यदि कि बांछित अपराधी की फोटो अपलोड की जाएगी तो वह शख्स कैमरों की नजर से नहीं बच पाएगा। ये कैमरे फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का हिस्सा होंगे और अपराधियों, भगोड़ों, और आतंकवादियों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।

2.67 करोड़ की लागत से बनेगा कंट्रोल रूम
शहर की निगरानी के लिए नगर निगम मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। 2.67 करोड़ रुपये की लागत से तैयार अत्याधुनिक कंट्रोल रूम का निर्माण प्रगति पर है, यह कंट्रोल रूम करीब 288 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले दो मंजिला भवन तैयार किया जा रहा है। एक फ्लोर से यातायात को नियंत्रित करने का काम किया जाएगा जबकि दूसरे तल पर नागरिक सुविधाओं पर नजर रखने के लिए अलग कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा।

जुलाई- 2025 तक आईटीएमएस की कमांड में होगा ट्रैफिक
नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट को पूरी तरह से चालू करने में लगभग आठ माह का समय लगेगा। टेक्निकल टेंडर का काम पूरा हो चुका है। अब फाइनैंशल बिड होंगी। अगले माह से ट़ेडर पाने वाली कंपनी धरातल पर प्रोजेक्ट का काम शुरू कर देगी। उम्मीद है कि जुलाई- 2025 तक शहर में ऑटोमैटिक चालान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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