गाजियाबाद का तरुण हत्याकांड : पांचवां हत्यारोपी गिरफ्तार, अलीगढ़ में मिला धड़, एक्सटेंशन में रहता था इंटीरियर डिजाइनर

गाजियाबाद | 2 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | File Photo Tarun Panwar



Ghaziabad News : नंदग्राम थाना पुलिस ने राजनगर एक्सटेंशन की केडब्लूए सृष्टि सोसायटी में रहने वाले इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार हत्याकांड में पांचवें हत्यारोपी की भी गिरफ्तारी कर ली है। तरुण पंवार की ह‌त्या 16 अगस्त को मोरटा गांव में बुलाकर कर दी गई थी। पुलिस ने  24 अगस्त को तीन आरोपियों पवन, वंश और अंजलि को गिरफ्तार कर पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया था। पुलिस ने हत्याकांड में अंजलि समेत कुल नौ लोगों को नामजद किया था। चौथे आरोपी अकुंश को पुलिस ने 27 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस ने एक और हत्यारोपी जीते को गिरफ्तार कर लिया है। अभी चार आरोपी अक्षय, दीपांशु, मनोज और अंकित फरार हैं।

अंजलि को लेकर तरुण को हो गई थी गलत फह‌मी
अंकुश भी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पवन के गांव खरकाली थाना बीबीनगर, बुलंदशहर का रहने वाला है। पवन राजनगर एक्सटेंशन की सोसायटी ओरा कायमेरा में मेंटेनेंस इंचार्ज था। अंजलि अपने पति से विवाद के बाद इसी सोसायटी के एक फ्लैट में रहकर सोसायटी की हेल्प डेस्क पर बतौर मैनेजर काम करती थी। पुलिस जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ओरा कायमेरा सोसायटी में अंजलि को उसके जीजा अक्षय ने फ्लैट खरीदकर दे रखा था। पुलिस के मुताबिक अंजलि के अपने जीजा अक्षय और पवन से संबंध थे। इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार अंज‌लि के साथ नजदीकियां बढ़ाने का प्रयास कर रहा था जबकि अं‌जलि उसे मित्रता तक सीमित रखना चाहती थी। दूसरी ओर तरुण अंजलि के व्यवहार को मित्रता से कुछ ज्यादा समझ बैठा था।

अंकुश और जीते ने की थी चौकीदारी
16 अगस्त को जब मकान के अंदर तरुण पंवार हत्याकांड को अंजाम दिया जा रहा था तो अंकुश और जीते मकान के बाहर चौकीदारी कर रहे थे। उसके बाद दोनों ही बाइक पर सवार होकर एक साथ फरार हो गए थे। दीपांशु ने तरुण को फोन करके मोरटा में साइट दिखाने के बहाने बुलाया था। शाम तक घर न लौटने पर तरुण के पिता की ओर से नंदग्राम थाने ‌को सूचित किया गया था,  रात में तरुण की कारण नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल की पार्किंग से बरामद होने के बाद परिजनों को अनहोनी की आशंका हो गई थी और 17 अगस्त को पुलिस ने तरुण की गुमशुदगी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। पुलिस ने 20 अगस्त को गुमशुदगी के मामले को अपहरण की धाराओं में तब्दील कर दिया था और 22 अगस्त तक पुलिस को यह जानकारी मिल गई थी कि तरुण की हत्या हो गई है।

22 और 23 अगस्त को नहर में चला था सर्च अभियान
22 और 23 अगस्त को पुलिस ने बुलंदशहर के बीबीनगर थानाक्षेत्र में गंगनहर से तरुण का शव बरामद करने के प्रयास में सर्च अभियान चलाया था। 24 अगस्त को उसका दाहिना पैर बरामद होने के बाद पुलिस ने अं‌ज‌लि, पवन और वंश को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया था। अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने शव को काटने में प्रयोग किया गया फावड़ा भी बरामद कर लिया था। पुलिस को अभियुक्तों ने बताया था कि उन्होंने शव के पांच टुकड़े कर बुलंदशहर के बीबीनगर और हापुड़ बाबूगढ़ थानाक्षेत्र में गंगनहर में फेंक दिए थे। लेकिन पुलिस को बुलंदशहर के ओरंगाबाद में जाकर फंस गया तरूण का दाहिना पैर बरामद हुआ था।

22 अगस्त को अलीगढ़ में मिला गया था धड़
16 अगस्त को देर रात में गंगनहर में शव के टुकड़े कर फेंके जाने के पांच दिन बाद 22 अगस्त को अलीगढ़ के अतरौली में एक धड़ बरामद हो गया था, लेकिन पहचान न होने के कारण अलीगढ़ पुलिस ने उसके डीएनए सैंपल कराने के बाद अंतिम संस्कार करा दिया गया था। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि डीएनए रिपोर्ट में पुष्टि हुई है अतरौली से बरामद धड़ तरुण पंवार का ही था।

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