नोएडा में गर्मी के तेवर ने उड़ाए होश : आसमान से बरस रही आग, लू ने बिगाड़ा लोगों का मिजाज

नोएडा | 3 महीना पहले | Junaid Akhtar

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Noida News : नोएडा में गर्मी लगातार बढ़ रही है। सुबह से ही आसमान से आग बरसना शुरू हो जाती है जो देर रात तक परेशान करती है। इस बीच चलने वाली लू यानी गर्म हवा लोगों को बीमार कर रही है। सोमवार को भी दिन निकलते ही लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है। सुबह 11 ही तापमान बढ़कर 41 डिग्री तक पहुंच गया। दोपहर करीब 2:30 बजे यह 46 से 47 डिग्री के बीच पहुंच सकता है।  

29 मई तक रेड अलर्ट यानी लू रहेगी जारी
भीषण गर्मी को देखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें। इसके साथ ही लू के चलते अस्पतालों में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। आईएमडी के मुताबिक मौसम साफ रहेगा। हवा की गति सात से पांच किमी प्रति घंटा रहेगी। इससे गर्मी और अधिक महसूस होगी। 29 मई तक रेड अलर्ट यानी लू जारी रहेगी। हालांकि, हल्के बादल छाए रहेंगे। चार दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है. ऐसे में लोगों को सावधान रहना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक 3 दिनों तक अधिकतम तापमान 47 डिग्री और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री रहेगा। धूप के साथ लू चलेगी। इससे लोगों को तेज गर्मी का एहसास होगा। इसके बाद अधिकतम तापमान में 3 डिग्री की गिरावट आएगी।

जिला अस्पताल में 30 बेड आरक्षित
जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए तीस बेड आरक्षित किए गए हैं। जिला अस्पताल में छह बेड और छह अलग-अलग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चार-चार बेड आरक्षित किए गए। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों का इलाज किया जा सके। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में भर्ती होने वाले इन मरीजों को एयर कंडीशनर या एयर कूलर की सुविधा मिलेगी। जिला अस्पताल में पहले से ही सेंट्रलाइज्ड एसी है। सीएचसी में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। इसलिए यहां एयर कूलर लगाए गए हैं।

जिले में हीट स्ट्रोक का नहीं कोई मरीज 
स्वास्थ्य विभाग के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार ने बताया कि सभी जरूरी जांच के बाद ही हीट स्ट्रोक वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। लू नहीं होने पर सामान्य वार्ड में ही इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक के मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए यह व्यवस्था की गयी है। जिससे मरीज को उचित इलाज मिल सके। अभी हीट स्ट्रोक का कोई मरीज नहीं है।

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